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Gorakhpur News: NER की पहली चौथी लाइन का प्रोजेक्ट मंजूर, 796 करोड़ से इस रुट पर बनेगी लाइन
Gorakhpur News: भारतीय रेल के उच्च घनत्व यातायात नेटवर्क के तहत बुढ़वल-गोंडा कचहरी खंड के बीच चौथी लाइन के बन जाने से लाइन क्षमता 78 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
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Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे की चौथी लाइन की पहली परियोजना को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। बोर्ड ने गोंडा से बुढ़वल तक 55 किलोमीटर चौथी लाइन बिछाने के लिए 796 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। गोंडा-बुढ़वल खंड पर चौथी लाइन की स्वीकृति मिलने से लाइन क्षमता में वृद्धि होगी। यात्री एवं मालगाड़ियों का संचलन और अधिक सुचारू रूप से होगा और ट्रेनों की पंक्चुअल्टी भी बेहतर होगी। इसके साथ ही स्थानीय सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा तथा कृषि, व्यापार, वाणिज्य, पर्यटन तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा जैसे अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय रेल के उच्च घनत्व यातायात नेटवर्क के तहत बुढ़वल-गोंडा कचहरी खंड के बीच चौथी लाइन के बन जाने से लाइन क्षमता 78 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। इससे कोयला, कोक, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम, खाद्यान्न, कंटेनर, ऑटोमोबाइल की आवाजाही में वृद्धि होगी। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि बुढ़वल से गोंडा कचहरी तक चौथी लाइन के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके निर्माण में 796 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जल्द ही इस प्रोजेक्ट में आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
करनैलगंज-घाघरा घाट तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचलन शुरू
पूर्वोत्तर रेलवे में चौथी लाइन की मंजूरी के साथ ही तीसरी लाइन पर तेजी से काम चल रहा है। इसी बीच छपरा-लखनऊ मेन लाइन पर करनैलगंज से घाघरा घाट (21.77 किमी) के बीच तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचलन पांच जुलाई से शुरू हो गया है। जबकि डोमिनगढ़ से गोरखपुर तक भी तीसरी लाइन का काम पूरा हो गया है। छपरा-लखनऊ मेन लाइन पर गोरखपुर-कुसम्ही, गोंडा कचहरी-करनैलगंज और छपरा-छपरा कचहरी के बीच तीसरी लाइन का काम पूरा हो चुका है। बाराबंकी से छपरा तक थर्ड लाइन बिछ जाने के बाद ट्रेनों की रफ्तार और बढ़ेगी।
ब्लाक की है तैयारी
करनैलगंज तीसरी लाइन के लिए ब्लॉक के बाद अगले महीने से एक और ब्लॉक की कवायद शुरू हो गई है। डोमिनगढ़-गोरखपुर के बीच थर्ड लाइन बन जाने के बाद लखनऊ मण्डल ने प्री-इंटरलॉकिंग और नॉन इंटरलॉकिंग के लिए 18 अगस्त से पांच दिन का ब्लॉक मांगा है। ब्लॉक को मंजूरी मिली तो कम से कम 40 ट्रेनें निरस्त और 50 के करीब डायवर्ट होंगी। हालांकि, अगस्त में ऑफ सीजन होने के नाते यात्रियों को कोई खास दिक्क्त नहीं होगी।
गोरखपुर रूट पर मालगाड़ियों के लिए बेहतर विकल्प
तीसरी रेल लाइन बिछ जाने से गोरखपुर रूट पर मालगाड़ियों के लिए एक अलग मार्ग मिल जाएगा। यात्री ट्रेनें निर्बाध गति से चल सकेंगी। गोरखपुर जंक्शन के आसपास वाले स्टेशनों पर ट्रेनों का बेवजह ठहराव कम होगा। ट्रेनों की लेटलतीफी दूर होगी। गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक डबल लाइन पर ट्रेनें 110 की रफ्तार से चल रही हैं, जबकि रेल लाइन 130 की गति के लायक तैयार हो चुकी है।
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