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Hapur News: हापुड़ में निराश्रित गोवंशों को लेकर बड़ा फैसला, सीडीओ ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
Hapur News: सीडीओ ने जनपद के 36 गो-आश्रय स्थलों की समीक्षा करते हुए साफ कहा कि 'किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।'
निराश्रित गोवंशों को लेकर बड़ा फैसला, सीडीओ ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश (Photo- Newstrack)
Hapur News: जनपद हापुड़ में निराश्रित गोवंशों की समस्या और उनके संरक्षण को लेकर मंगलवार दोपहर जिला प्रशासन हरकत में आया। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समीक्षा समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु गौतम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए। बैठक में सभी एसडीएम, खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, नाबार्ड प्रबंधक, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओ.पी. मिश्रा सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
36 आश्रय स्थलों की समीक्षा, चारा-पानी पर जोर
सीडीओ ने जनपद के 36 गो-आश्रय स्थलों की समीक्षा करते हुए साफ कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि हर आश्रय स्थल पर 24 घंटे केयरटेकर मौजूद रहें। चारा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो। मृत गोवंशों का निस्तारण वैज्ञानिक और समयबद्ध तरीके से किया जाए। बारिश से हो रही कीचड़ की समस्या दूर करने के लिए मिट्टी भराव व खड़ंजा लगाने का काम तेजी से पूरा किया जाए।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर चर्चा
गढ़मुक्तेश्वर में बाढ़ की स्थिति पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किसी भी आश्रय स्थल में जलभराव की समस्या नहीं है। सीडीओ ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि हर तहसील स्तर पर चारागाह भूमि का चिन्हांकन कर वहां चारा बोया जाए, ताकि भविष्य में चारे की समस्या सामने न आए।
नए वृहद गो संरक्षण केंद्र जल्द होंगे शुरू
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने जानकारी दी कि शेखपुर खिचरा प्रथम में वृहद गो संरक्षण केंद्र का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यहां संचालन शीघ्र शुरू किया जाएगा। वहीं पारपा, हिण्डालपुर और हिम्मतपुर में केंद्रों का करीब 40 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
सीडीओ ने चेताया: खुले में छोड़े गए गोवंश पर होगी कार्रवाई
सीडीओ हिमांशु गौतम ने अधिशासी अधिकारियों को आदेश दिया कि नई कान्हा गोशाला के लिए जमीन का चयन किया जाए। नगरीय क्षेत्रों में पाले जा रहे सभी पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि कोई पशुपालक अपने गोवंशों को खुले में छोड़ता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जाए। सीडीओ ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि गोवंशों की देखभाल और संरक्षण के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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