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Hapur News: ब्रजघाट में गंगा का जलस्तर फिर खतरे के निशान से ऊपर, जनजीवन अस्त-व्यस्त
Hapur News: मंगलवार दोपहर गंगा का जलस्तर 199.10 मीटर दर्ज किया गया ।
तीर्थनगरी के ब्रजघाट में गंगा का जलस्तर फिर खतरे के निशान से ऊपर (photo: social media )
Hapur News: ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा का जलस्तर लगातार उतार-चढ़ाव के बाद एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे खादर क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार दोपहर गंगा का जलस्तर 199.10 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 198.730 मीटर है। यानी नदी का जलस्तर 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
खादर के गांवों में पानी, जनजीवन बेहाल
गंगा किनारे बसे खादर क्षेत्र के गांवों में पिछले एक माह से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। पहले तीन दिनों तक जलस्तर में गिरावट से राहत के आसार नजर आए थे, लेकिन अब फिर से पानी बढ़ने से हालात बिगड़ने लगे हैं। गांवों की गलियों, खेतों और घरों में पानी भर गया है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो रही हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। कई घरों की नींव कमजोर हो गई है और उनके गिरने का खतरा मंडरा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत हो गई है। कई किसानों को दूर-दराज के इलाकों से चारा खरीदकर लाना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता पर संकट
बाढ़ के पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। गंदा पानी गांवों में भरने से मच्छरों और अन्य कीट-पतंगों की संख्या बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई विशेष चिकित्सा शिविर नहीं लगाया गया है, जिससे लोगों में बीमारियों को लेकर भय है। बच्चों और बुजुर्गों में बुखार व अन्य संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर, राहत की उम्मीद
एसडीएम श्रीराम यादव ने बताया कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्यों के लिए पूरी टीम अलर्ट पर है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जलस्तर में हल्की गिरावट का रुझान है और उम्मीद है कि जल्द ही लोगों को राहत मिलेगी।प्रशासन की ओर से राहत शिविर और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सहायता सामग्री उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। वहीं, ग्रामीण प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि हर साल बाढ़ जैसी स्थिति से न जूझना पड़े।
ग्रामीणों की मांग, स्थायी समाधान हो
गांव के लोगों का कहना है कि हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने से उनके खेत-खलिहान और घर पानी में डूब जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है, मवेशियों के लिए चारा व सुरक्षित जगह की समस्या खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को स्थायी समाधान निकालना चाहिए, जैसे कि तटबंध को मजबूत करना, बाढ़ राहत शिविर स्थायी रूप से बनाना और समय से चेतावनी प्रणाली को बेहतर बनाना।
मौजूदा हालात
बढ़ते जलस्तर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। कई परिवार ऊंची जगहों पर पलायन कर रहे हैं। कुछ लोग रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द मदद और राहत कार्य तेज करने की मांग की है।गंगा के बढ़ते पानी से जहां एक ओर किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं आम लोगों की जिंदगी भी मुश्किल में पड़ गई है। अब सबकी नजरें जलस्तर पर टिकी हैं कि कब इसमें कमी आए और हालात सामान्य हों।
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