Hapur News: हापुड़ में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं की हड़ताल, न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप

Hapur News: हापुड़ में हाईकोर्ट बेंच की मांग पर वकीलों की हड़ताल, न्यायिक कार्य ठप, 50 साल से उठ रही मांग पर फिर जोर।

Avnish Pal
Published on: 4 Aug 2025 5:39 PM IST
Advocates strike demanding high court bench in Hapur, judicial work comes to a complete standstill
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हापुड़ में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं की हड़ताल, न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप (Photo- Newstrack)

Hapur News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच स्थापित करने की वर्षों पुरानी मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने एक बार फिर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। सोमवार को हापुड़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे, जिससे जिला न्यायालय के साथ-साथ उपनिबंधक कार्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया। इसके चलते वादकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

जोरदार नारेबाजी, ज्ञापन सौंपा

बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय कंसल और सचिव वीरेंद्र सैनी की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय पर जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय को सौंपकर पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के लिए हाईकोर्ट बेंच की मांग को फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों से यह मांग उठाई जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी बन रही बाधा

ज्ञापन में बताया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रयागराज में स्थित है, जिसकी एकमात्र बेंच लखनऊ में है, लेकिन वह पूर्वी यूपी के 15 जिलों को ही कवर करती है। पश्चिमी यूपी के 22 जिलों को 850 किलोमीटर दूर प्रयागराज तक जाना पड़ता है, जिससे वादकारियों का समय, धन और संसाधन बर्बाद होते हैं। अधिवक्ताओं ने इसे जनता के साथ अन्याय बताया।

कोल्हापुर से तुलना, भेदभाव का आरोप

ज्ञापन में महाराष्ट्र के कोल्हापुर का उदाहरण देते हुए कहा गया कि मात्र 1.64 लाख की आबादी के लिए हाईकोर्ट की चौथी बेंच दी गई, जबकि सात करोड़ की आबादी वाला पश्चिमी यूपी अब भी न्याय से वंचित है। अधिवक्ताओं ने इसे भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक करार दिया।

संवैधानिक अधिकारों के हनन की बात

अधिवक्ताओं का कहना है कि संविधान में न्याय पाने का अधिकार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी के चलते पश्चिमी यूपी के लोग त्वरित और सुलभ न्याय से वंचित हैं, जो सीधे तौर पर उनके अधिकारों का हनन है।

एकजुट होकर किया प्रदर्शन

यह हड़ताल केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर आयोजित की गई थी। हापुड़ बार एसोसिएशन ने इसे सफल बनाते हुए जिला न्यायालय और उपनिबंधक कार्यालय में कामकाज पूरी तरह ठप रखा। अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि तत्काल प्रभाव से हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का निर्णय लिया जाए।

ज्ञापन देने वालों में शामिल प्रमुख नाम

ज्ञापन सौंपने वालों में संजय कंसल, वीरेंद्र सैनी, विकास त्यागी, भोपाल शिशोदिया, जितेंद्र चौधरी, संजय चौधरी, सुधीर त्यागी, मुकुल चौधरी, पीयूष शर्मा, मोनिका सिद्धू, उज्जवल कंसल, सुधांश दत्त शर्मा, नवाजिश, उज्ज्वल चौधरी सहित अनेक अधिवक्ता शामिल रहे।

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