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Hapur News: पिलखुवा फैक्ट्री हादसा: मशीन के नीचे दबे 5 मजदूर, 1 की मौत
Hapur News: हापुड़ के पिलखुवा में लोहे की पाइप फैक्ट्री में भारी मशीन गिरने से 1 मजदूर की मौत, 4 घायल; मजदूरों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया, जांच शुरू
पिलखुवा फैक्ट्री हादसा (photo: social media )
Hapur News: औद्योगिक नगरी पिलखुवा में बुधवार शाम हुए एक भयावह हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। धौलाना रोड स्थित सालासर लोहे की पाइप फैक्ट्री में टीन शेड डालने के दौरान भारी कैंची मशीन अचानक गिर पड़ी, जिससे पांच मजदूर उसकी चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि 60 वर्षीय मजदूर विजय शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद फैक्ट्री परिसर में भगदड़ मच गई और मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया।
हादसा कैसे हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार शाम करीब 5 बजे फैक्ट्री में पुराने टीन शेड को हटाकर नया शेड लगाने का काम चल रहा था। यह फैक्ट्री वर्षों से लोहे के पाइप उत्पादन का कार्य करती है और रोजाना 50 से 60 मजदूर यहां काम करते हैं।
कार्य के दौरान ऊपर लगे पुराने और जर्जर लोहे की कटिंग की बड़ी कैंची मशीन का संतुलन अचानक बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ी। भारी भरकम मशीन के नीचे पांच मजदूर दब गए। हादसा इतना तेज था कि आसपास मौजूद मजदूर कुछ समझ ही नहीं पाए।कुछ मजदूरों ने तत्काल 112 पर कॉल कर पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। एसडीएम, सीओ और थाना प्रभारी पिलखुवा भी तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस और राहत टीम ने मजदूरों को किसी तरह मलबे से बाहर निकाला।
मौत और घायल मजदूरों की पहचान
मलबे से बाहर निकाले गए मजदूरों में विजय शर्मा (60 वर्ष), पुत्र रतीराम, निवासी पिलखुवा की मौके पर ही मौत हो गई। वह लंबे समय से फैक्ट्री में कार्यरत थे और परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है।हादसे के बाद उनके घर में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।घायलों में शादाब पुत्र सोनी (21 वर्ष) गंभीर हालत में गाजियाबाद रेफर किया गया।
अजहर (28 वर्ष) सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें, वेंटिलेटर पर।फैसल पुत्र सोनी (22 वर्ष) बांके बिहारी हॉस्पिटल, खेड़ा में भर्ती।एक अन्य मजदूर को हल्की चोटें आईं, प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दी गई।
मौके पर अफरातफरी और प्रशासन की मौजूदगी
हादसे के तुरंत बाद फैक्ट्री में अफरातफरी मच गई। आसपास के मजदूर अपनी जान बचाकर बाहर भागे। किसी ने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो कुछ ही देर में वायरल हो गया।सूचना मिलते ही एसडीएम, सीओ और थाना प्रभारी पिलखुवा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल राहत कार्यों को तेज किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मजदूरों का आरोप,“फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही से गया साथी की जान”
हादसे के बाद गुस्साए मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप है कि फैक्ट्री में पुरानी मशीनों की मरम्मत नहीं की जाती, न ही कोई सुरक्षा उपकरण या हेलमेट दिया जाता है।एक मजदूर ने कहा “हम रोज़ जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। मशीनें पुरानी और जर्जर हैं, लेकिन मालिक केवल उत्पादन बढ़ाने में लगा रहता है। हमारी जान की किसी को परवाह नहीं।”मजदूरों ने मांग की कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और घायलों का पूरा इलाज फैक्ट्री मालिक के खर्चे पर कराया जाए।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फैक्ट्री के लाइसेंस, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था और मशीनों के रखरखाव का पूरा रिकॉर्ड तलब किया गया है।अगर फैक्ट्री की लापरवाही पाई गई तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में औद्योगिक सुरक्षा
यह हादसा एक बार फिर से सवाल खड़ा करता है कि आखिर औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं हो रहा?
हर वर्ष कई मजदूर मशीनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवाते हैं, लेकिन न तो फैक्ट्री मालिकों पर ठोस कार्रवाई होती है और न ही मजदूरों को सुरक्षा का भरोसा।स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल हादसे के बाद जागता है, जबकि फैक्ट्रियों में “सेफ्टी ऑडिट” की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है।
अंतिम संस्कार और मुआवजे की मांग
मृतक विजय शर्मा के परिजनों ने शासन से 20 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। मजदूर संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।
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