TRENDING TAGS :
Hapur News: गंगा में डूबे मेरठ के सात श्रद्धालु, गोताखोरों ने मौत के मुंह से निकाला बाहर
Hapur News: मेरठ का एक परिवार अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने ब्रजघाट पहुंचा था।
Hapur News
Hapur News: तीर्थनगरी ब्रजघाट में गुरुवार को गंगा घाट पर ऐसा हादसा हुआ, जिसने हर किसी की धड़कनें तेज कर दीं। मेरठ से अस्थि विसर्जन के लिए आए परिवार के सात सदस्य गंगा स्नान के दौरान अचानक गहरे पानी में डूबने लगे। तेज बहाव उन्हें बहाकर ले जा रहा था कि तभी मौके पर मौजूद गोताखोर फरिश्ते बनकर पहुंचे और जान की बाजी लगाकर सभी की जिंदगी बचा ली। यह नजारा देखकर घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार मेरठ का एक परिवार अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने ब्रजघाट पहुंचा था। अस्थि विसर्जन के बाद परिजन गंगा स्नान करने लगे। इस दौरान आरती स्थल के पास मौजूद एक गहरे गड्ढे में सात लोग अचानक फंस गए और गंगा की तेज लहरों में बहने लगे। परिवार के लोगों की चीख-पुकार सुनकर घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग गंगा किनारे भागकर पहुंचे लेकिन पानी का वेग इतना तेज था कि कोई हिम्मत नहीं जुटा पाया।
गोताखोरों की बहादुरी
मौके पर तैनात गोताखोरों ने बिना समय गंवाए गंगा में छलांग लगाई। उन्होंने एक-एक कर सातों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। करीब 10 मिनट तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जब सभी को सकुशल बाहर लाया गया तो घाट पर मौजूद लोग तालियां बजाकर गोताखोरों के जज्बे और साहस की सराहना करने लगे।
स्थानीय लोगों का कहना
स्थानीय श्रद्धालुओं ने बताया कि आरती स्थल के पास गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक गहरा गड्ढा बन गया है। श्रद्धालु जब स्नान करते समय इस हिस्से में पहुंच जाते हैं तो तेज बहाव उन्हें अपनी ओर खींच लेता है। कई बार लोग इसमें फंसकर हादसे का शिकार हो चुके हैं। यही वजह है कि यह स्थान लगातार खतरनाक साबित हो रहा है।
गढ़ कोतवाली प्रभारी नीरज कुमार की अपील
गढ़ कोतवाली प्रभारी नीरज कुमार ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे गंगा स्नान केवल सुरक्षित स्थानों पर ही करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है और खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
परिवार की भावुक प्रतिक्रिया
सातों लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद परिवार के सदस्यों ने भावुक होकर कहा अगर गोताखोर समय पर न कूदते तो शायद आज हमारी लाशें ही बाहर निकलतीं। उन्होंने भगवान की तरह हमें दूसरी जिंदगी दी है।”
लोगों की मांग
स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि ब्रजघाट पर सुरक्षा और सख्त की जाए। खासकर गहरे पानी वाले हिस्सों को रस्सियों और बैरिककैडिंग से बंद किया जाए ताकि भविष्य मे इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!