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Hardoi News: अस्पताल सीज होने से मरीजों को हो रही समस्या, आईएमए ने कार्रवाई पर जताया विरोध
Hardoi News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने पत्र में लिखा कि उनका उद्देश्य हमेशा से ही जनता को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
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Hardoi News: शहर में कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में लगी आग में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि बिना कारण बताओं नोटिस व जवाब देने का मौका दिए बिना ही प्रशासन ने जल्दबाजी में अस्पताल को सीज कर दिया है। ऐसे में अस्पताल के मरीज को काफी असुविधा उठानी पड़ रही है। कई मरीज ऐसे हैं जो डॉक्टर सी के गुप्ता के अलावा अपने बच्चों को किसी को भी नहीं दिखाना चाहते हैं।
ऐसे में मरीजों के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से सीज हुए अस्पताल को पुनः खोलने की मांग की है साथ ही कहां है कि इस घटना में अस्पताल प्रशासन की ओर से सभी मरीजों और उनके परिजनों को सकुशल बाहर निकाला गया था। अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन प्रशासन के मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है।अस्पताल से जुड़े बच्चों के अभिभावकों ने भी कहा कि डॉक्टर सी के गुप्ता पर की गई कार्यवाही जल्दबाजी है।कार्यवाही अगर सुनिश्चित की जानी चाहिए तो संबंधित अधिकारियों जो एनओसी देने में इतना विलंब लगाते हैं यदि दमकल विभाग की ओर से समय से एनओसी दे दी गई होती तो अस्पताल सीज ना हुआ होता।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने पत्र में लिखा कि उनका उद्देश्य हमेशा से ही जनता को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसी प्रयास में कीर्ति कृष्ण बाल चिकित्सालय भी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। 16 जुलाई को बिजली की चिंगारी से धुआं निकलने की घटना हो गई थी। इस पर कर्मचारी एवं अग्निशमन विभाग द्वारा अस्पताल में लगे सुरक्षा उपकरणों और हौज रील से तुरंत काबू पाया गया था। सुरक्षा साधनों की उपलब्धता और कर्मचारियों के तत्परता से सभी मरीज व परिजन और कर्मचारी सुरक्षित रहे।
भूतल पर स्थित चार निकास द्वार और प्रथम तल पर स्थित दो विकास द्वारों से सभी को सुगमता से निकल गया था लेकिन धुंआ निकलने की जानकारी लगने पर कुछ परिजनों में हड़कंप मच गया और लाख प्रयास करने के बावजूद भी वह सीढ़ी लगाकर अस्पताल के प्रथम तल से सड़क पर उतर गए। अग्निशमन विभाग स्पॉट मेमो में 25000 रुपए का नुकसान पाया है। कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में संचालन के क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत आवेदन किया जा चुका था जैसा कि जनपद के सभी अस्पतालों का स्टेटस है। अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाण पत्र पर लिखित में आवेदन किया जा चुका था उसके लिए विभाग द्वारा दो बार उपलब्ध सुरक्षा संसाधनों को चलकर भी निरीक्षण किया गया था जिसमें सभी उपकरण चालू हालत में पाए गए थे।
अग्निशमन विभाग में एनओसी प्रक्रिया में था जैसा कि जनपद के 63 अस्पतालों में से 54 अस्पतालों का स्टेटस है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग का 2026 तक का प्रमाण पत्र है। बिना कारण बताओं नोटिस के और जवाब देने का मौका दिया अस्पताल को सीज कर देने से हरदोई के सभी चिकित्सक दुखी हैं। कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय के मरीजों के कष्ट को देखते हुए कर्मचारियों की जीविका के सवाल को ध्यान में रखते हुए हम सभी हरदोई के चिकित्सकों की मांग है कि उक्त अस्पताल को अति शीघ्र खोला जाए।
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