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Lucknow News: फोन पर चलता रहा इलाज... मासूम ने तोड़ दिया दम'! लखनऊ के हर्षा हॉस्पिटल में 3 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा
Lucknow News: सीतापुर जिले से लाया गया तीन वर्षीय मासूम बच्चा, जिसे सोमवार रात गंभीर हालत में भर्ती किया गया था, मंगलवार सुबह मृत पाया गया।
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राइवेट अस्पतालों की ओर से किए जा रहे इलाज में लापरवाही से जुड़े अनेकों मामले सामने आते हैं। बावजूद इसके जिले के प्रशासन व उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ऐसे मामलों को ना ही गंभीरता से लिया जाता है और ना ही ऐसे चिन्हित अस्पतालों पर कोई कड़ी कार्रवाई की जाती है। अब इसी से जुड़ा एक नया मामला लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र स्थित बंधा रोड के पास बने हर्ष हॉस्पिटल से सामने आया है। जिसके बाद हर्षा हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में घिर गया है।
सीतापुर जिले से लाया गया तीन वर्षीय मासूम बच्चा, जिसे सोमवार रात गंभीर हालत में भर्ती किया गया था, मंगलवार सुबह मृत पाया गया। मौत की खबर मिलते ही परिजन गुस्से में आ गए और अस्पताल परिसर में जोरदार हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते बच्चे की जान गई है। उन्होंने तत्काल पोस्टमार्टम की मांग की है और अस्पताल पर संधिग्ध गतिविधियों का आरोप भी लगाया है।
Lucknow News: 'फोन पर चलता रहा इलाज... मासूम ने तोड़ दिया दम'! लखनऊ के हर्षा हॉस्पिटल में 3 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा। मौके पर पहुंची मड़ियांव पुलिस जांच में जुटी।#lucknow #lucknownews pic.twitter.com/hLL6zm4Rn6
— Newstrack (@newstrackmedia) July 22, 2025
मृतक बच्चे को रात में कराया गया था भर्ती
परिजनों के मुताबिक, 3 साल का बच्चा सोमवार की रात को तेज बुखार और सांस की दिक्कत के चलते सीतापुर से लखनऊ लाया गया था। प्राथमिक उपचार के लिए उसे बंधा रोड स्थित हर्षा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि बच्चे की हालत काबू में है और इलाज जारी है लेकिन मंगलवार सुबह अचानक अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के मृत होने की सूचना दी, जिससे परिवार वालों में कोहराम मच गया।
अस्पताल पर गंभीर आरोप, पोस्टमार्टम कराने की रखी मांग
परिजनों का कहना है कि रात में डॉक्टरों की टीम मौके पर मौजूद नहीं थी। उन्होंने न तो इलाज की अपडेट दी और न ही सही समय पर रिफर किया। उनका आरोप है कि अगर समय पर इलाज होता या सही अस्पताल रेफर किया जाता तो शायद बच्चा बच सकता था। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर दवाओं की मनमानी, अनुभवहीन स्टाफ और मशीनों की कमी जैसे कई गंभीर आरोप भी लगाए। बच्चे के माता-पिता ने प्रशासन से साफ कहा है कि वह बिना पोस्टमार्टम के शव नहीं लेंगे। उनका कहना है कि उन्हें बच्चे की असली मौत की वजह जाननी है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
डॉक्टर ने लापरवाही से की मासूम की जिंदगी से खिलवाड़
मृतक बच्चे के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं था और पूरी रात इलाज केवल फोन पर दिए गए निर्देशों के आधार पर स्टाफ द्वारा किया गया। उनका आरोप है कि सुबह करीब साढ़े 3 बजे ही बच्चे की मौत हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने सुबह तक इस बारे में कोई सूचना नहीं दी। परिजनों का यह भी कहना है कि यदि डॉक्टर खुद मौके पर मौजूद रहकर इलाज करता, तो शायद बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने इसे सीधी चिकित्सीय लापरवाही करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मौके पर पहुंची मड़ियांव पुलिस, जांच शुरू
हंगामे की जानकारी मिलते ही थाना मड़ियांव पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने अस्पताल स्टाफ से पूछताछ की और परिजनों के बयान दर्ज किए। पुलिस का कहना है कि मामले की प्राथमिक जांच की जा रही है और यदि परिजन पोस्टमार्टम की लिखित मांग करते हैं तो शव को कब्जे में लेकर PM रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि हर्षा हॉस्पिटल इससे पहले भी कई बार चिकित्सा लापरवाही और फर्जीवाड़े के मामलों को लेकर चर्चाओं में रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अस्पताल में अक्सर अयोग्य स्टाफ, जांच के नाम पर मोटी रकम और प्रॉपर मॉनिटरिंग के अभाव की शिकायतें मिलती रही हैं। अब एक मासूम की मौत के बाद यह अस्पताल एक बार फिर प्रश्नों के घेरे में है।
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