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धर्म पर बवाल: बेटे का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति से कराने पर अड़ी हिंदू मां, भड़क उठा पूरा गांव
Badaun Funeral Dispute: गांव में रहने वाली ओमकार सिंह पंडा ने 30 साल पहले मुस्लिम महिला के साथ शादी की थी। शादी होने के बाद महिला ने हिंदू अपना लिया और उसका नाम लक्ष्मी हो गया।
Badaun Funeral Dispute
Badaun Funeral Dispute: उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। यहां दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव सुखौरा में हिंदू मां की अजीब मांग पर पूरे गांव में तनाव बढ़ गया। दरअसल गांव में रहने वाली ओमकार सिंह पंडा ने 30 साल पहले मुस्लिम महिला के साथ शादी की थी। शादी होने के बाद महिला ने हिंदू अपना लिया और उसका नाम लक्ष्मी हो गया। ओमकार और लक्ष्मी के पांच बच्चे तीन बेटियां और दो बेटे हुए। तीनों बेटियों की शादी हिंदू रीति रिवाज से ही हुई।
पति का पांच साल पहले हुआ निधन
लक्ष्मी के पति ओमकार सिंह पंडा का पांच साल पहले निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार भी हिंदू रीति-रिवाज से ही संपन्न कराया गया। बीते बुधवार को लक्ष्मी के बेटे संजू का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बेटे के निधन के बाद लक्ष्मी को जानें क्या सूझा। वह बेटे का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से कराने पर अड़ गयी।
जैसे ही लक्ष्मी की इस मांग की जानकारी गांव वालों को हुई। पूरा गांव ही एक स्वर में विरोध में उतर गया। वहीं गांव में उपजे इस तनाव की फनक जैसे ही पुलिस को लगी। वह भी गांव पहुंच गयी। लक्ष्मी का बड़ा बेटा बिरजू दिल्ली में रहता है। अब बिरजू के गांव लौटने के बाद ही संजू के अंतिम संस्कार पर कोई निर्णय हो सकेगा।
नहीं हो सका अंतिम संस्कार
गांव वालों के विरोध और बिरजू के घर न पहुंचने के चलते संजू की डेडबॉडी अभी भी गांव में ही रखी हुई है। इस मामले की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है। गांव वालों का यही कहना है कि 30 साल जब लक्ष्मी हिंदू रीति-रिवाज का अनुसरण कर रही है तो फिर अचानक बेटे का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से क्यों करना चाह रही है। यह बात सभी को परेशान कर रही है। वहीं लक्ष्मी भी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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