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Jhansi News: बुंदेलखंड दलहन-तिलहन की पहचान, किसान बढ़ाएं उत्पादन: सूर्य प्रताप शाही
Jhansi News: झांसी में रबी उत्पादकता गोष्ठी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा—बुंदेलखंड दलहन-तिलहन उत्पादन में अग्रणी, किसान करें जल संरक्षण के साथ खेती।
बुंदेलखंड दलहन-तिलहन की पहचान, किसान बढ़ाएं उत्पादन: सूर्य प्रताप शाही (Photo- Newstrack)
Jhansi News: झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बुंदेलखंड की पहचान सदियों से दलहन और तिलहन उत्पादन के लिए रही है। किसानों को चाहिए कि वे सीमित जल संसाधनों का उपयोग करते हुए चना, मसूर और अलसी जैसी फसलों की बुवाई पर ध्यान दें।
वे शनिवार को पंडित दीनदयाल सभागार में आयोजित झांसी और चित्रकूटधाम मंडल की संयुक्त रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना इस क्षेत्र में विज्ञान और अनुसंधान को जोड़कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से की थी।
उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री ने दो महत्वपूर्ण योजनाओं—‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ का शुभारंभ किया है। इन योजनाओं के तहत देश के 100 ऐसे जिलों का चयन किया गया है, जहां उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है। इनमें झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा और हमीरपुर शामिल हैं।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र पारंपरिक रूप से दलहन और तिलहन के लिए जाना जाता है, हालांकि समय के साथ गेहूं की खेती में भी विस्तार हुआ है।
गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, मुख्य सचिव उद्यान वी.एल. मीना, कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी, डॉ. योगेंद्र सिंह, डॉ. पी.पी. जामूकर सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद और झांसी व चित्रकूटधाम मंडल के अनेक अधिकारी व किसान मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता सूरज प्रसाद और श्रीमती आसमा खान ने किया।
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