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Kaushambi News: कौशांबी में 'समृद्ध खेती' की नई पहचान: कृषि विभाग की पहल से अब होगा उर्वरकों का संतुलित उपयोग!
Kaushambi News: इस पहल का मकसद न सिर्फ किसानों की फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।
कौशांबी में 'समृद्ध खेती' की नई पहचान (photo: social media )
Kaushambi News: कौशांबी जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत और सुधार की खबर आई है। जिला कृषि अधिकारी डॉ। सत् राम की अगुवाई में आज, शनिवार को कृषि विभाग ने उर्वरकों के संतुलित और वैज्ञानिक उपयोग को लेकर एक विशेष निर्देश जारी किया है। इस पहल का मकसद न सिर्फ किसानों की फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।
क्यों जरूरी है संतुलित उर्वरक उपयोग?
कृषि विभाग ने चेताया है कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध और अनियंत्रित प्रयोग से भूमि की उर्वरता लगातार घट रही है, जिससे किसानों को दीर्घकालिक नुकसान उठाना पड़ता है। बिना मिट्टी परीक्षण और सटीक मात्रा के उर्वरक उपयोग से न तो उत्पादन में वृद्धि होती है और न ही खर्च की भरपाई। यह नई पहल किसानों को इन समस्याओं से निजात दिलाकर एक टिकाऊ कृषि प्रणाली की ओर ले जाएगी।
अब होगा वैज्ञानिक तरीका अपनाना!
किसानों से अपील की गई है कि वे अपनी फसलों के अनुसार मिट्टी परीक्षण करवाकर ही उर्वरकों का प्रयोग करें। इसके लिए कृषि विभाग ने प्रत्येक प्रमुख फसल के लिए उर्वरक की प्रति हेक्टेयर संतुलित मात्रा भी जारी की है:
विशेष हिदायत: कृषि विभाग ने किसानों को नीम कोटेड यूरिया का उपयोग करने की भी सलाह दी है। इससे नाइट्रोजन धीरे-धीरे पौधों में पहुँचती है और पैदावार बेहतर होती है।
PM-प्रणाली योजना से जुड़ी पहल और हेल्पलाइन
इस महत्वपूर्ण पहल को पीएम प्रणाली पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे किसानों को उचित उर्वरक के मार्गदर्शन के साथ-साथ सस्ती दरों पर खरीदारी की सुविधा भी मिलेगी। उर्वरक केवल आधार कार्ड, बैंक पासबुक और पंजीकृत मोबाइल नंबर के आधार पर ही मिलेंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
किसानों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। यदि उर्वरक की संतुलित मात्रा के बाद भी उत्पादन प्रभावित हो रहा हो, तो किसान गैर-प्रचलित उत्पादन टैग के साथ इसकी जानकारी जिला कृषि अधिकारी कार्यालय या कंट्रोल रूम नंबर 7839882351 पर साझा कर सकते हैं।
जागरूकता अभियान और विक्रेताओं के लिए निर्देश
कृषि विभाग ने इस पहल को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान भी तेज कर दिया है। सहायक विकास अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक और समस्त ब्लॉक अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को इन जानकारियों से अवगत कराएंगे। फर्टिलाइजर विक्रेताओं को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना रसीद और पंजीकरण के उर्वरक न बेचें।
यह पहल सिर्फ एक दिशा-निर्देश नहीं, बल्कि कौशांबी के किसानों और कृषि के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका लक्ष्य संतुलित उर्वरक उपयोग से स्वस्थ खेत और किसान का मान बढ़ाना है, जिससे खेती एक लाभ का सौदा बन सके। यह जागरूक किसान और समृद्ध कौशांबी की दिशा में एक क्रांति है!
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