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Jhansi News: बाबू जगजीवन राम छात्रावास की भूमि: जमीन खा गई या आसमान निगल गया
Jhansi News: झांसी में अनुसूचित जाति छात्रों के लिए बाबू जगजीवन राम छात्रावास की जमीन गायब, निर्माण परियोजना ठप, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्रवाई की मांग की।
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मालूम हो कि दूर दराज के रहने वाले विद्यार्थियों के लिए जो कि झांसी महानगर में अपनी पढ़ाई और कोचिंग के लिए असमर्थ हैं। इन छात्रों के लिए प्रधानमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत उनके लिए एक स्थान की व्यवस्था की जानी थी। 100 बेड वाले इस छात्रावास में विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था की जानी थी जहां वह रहकर वे अच्छी तरह से पढ़ सकें।
वर्ष 2018-19 में शासन द्वारा झांसी के समाज कल्याण विभाग को पत्र भेज कर छात्रावास बनाए जाने का प्रस्ताव मांगा था। इसके बाद वर्ष 2020 में समाज कल्याण द्वारा प्रस्ताव भेजा गया, जिसमें 3890 वर्गमीटर की मांग की गई। इसके बाद 6 मार्च 2021 को नगर निगम सदन की बैठक में बाबू जगजीवन नाम छात्रावास के लिए समाज कल्याण को भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को सदन में सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही झांसी खास नगरिया कुआं में आराजी संख्या 828 में 0.146 हेक्टेयर व 836 में 0.243 हेक्टेयर जमीन देने की बात की गई।
इसके पश्चात जब समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी उक्त स्थान पर पहुंचे और जमीन की पैमाइश कराई गई तो वह जमीन नहीं मिली। इस पर विभाग ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को दे दी। इसके बाद यह दोबारा पैमाइश करने की बात की गई। बताया गया कि अधिकारी इस बात को लेकर परेशानी की वह जमीन कहां गई। ऐसे में बाबू जगजीवन राम छात्रावास के निर्माण का मामला फिलहाल रुक सा गया है।
ललिता यादव समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि फिलहाल यह जमीन नगर निगम द्वारा विभाग को हैंडओवर कराया जाना है। इसके बाद हॉस्टल का लेआउट और एस्टीमेट बनाया जाएगा। इसके बाद शासन से बजट आने पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। प्रयास है कि इसी वित्तीय वर्ष में छात्रावास के निर्माण का कार्य शुरू हो जाए।
नगर निगम ढूंढकर दे जमीन: प्रदीप
हरिजन छात्रावास की जमीन अचानक गुम हो जाने के संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का कहना है कि सरकार की इस कल्याणकारी योजना को क्रियान्वित किया जाना चाहिए। क्योंकि दूर दराज में रहने वाले बच्चे जोकि महानगर में आकर अपने आवास के लिए किराए पर कमरा लेकर नहीं रह सकते हैं ऐसे में यह छात्रावास उनके लिए बहुत मददगार साबित होता। यहां रहकर बच्चे अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते जिसके सुखद परिणाम निकलते। अब नगर निगम का दायित्व है कि वह इस जमीन को खोजकर समाज कल्याण के हैंडओवर करे साथ ही सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई कराई जाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्रावास की जमीन जल्द से जल्द ढूंढा जाए अन्यथा वह इस मामले की उच्च स्तर तक उठाएंगे। जिससे वंचित वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
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