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Jhansi News: रात के अंधेरे में चल रहा था खनन: नदी का जलस्तर बढ़ा, बालू घाट पर रात भर फंसे रहे पांच मजदूर
Jhansi News: बेतवा नदी में बालू घाट के करीब पांच मजदूर पानी से घिर गए। कड़े प्रयत्न करने के बाद भी निकलने का कोई रास्ता ना मिला, वे पूरी रात बालू के एक ढेर पर बैठे रहे।
बेतवा नदी में रात में खनन के दौरान जलस्तर बढ़ा पांच मजदूर पानी से घिर गए (Photo- Newstrack)
Jhansi News: झांसी। जनपद में मोंठ थाना क्षेत्र के ग्राम सौजना के नज़दीक बेतवा नदी में बालू घाट के करीब पांच मजदूर पानी से घिर गए। कड़े प्रयत्न करने के बाद भी निकलने का कोई रास्ता ना मिला, वे पूरी रात बालू के एक ढेर पर बैठे रहे। सुबह लोगों से मदद की गुहार लगाई, देखते ही देखते गांव के लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। जैसे ही यह सूचना पुलिस को मिली, एसडीएम, एसपी समेत पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थानीय नविको की मदद से कई घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और आखिरकार टापू के बीच फंसे लोगों को सकुशल बचा लिया।
बालूरघाट पर चल रहा था खनन, मजदूरी करते थे
जानकारी के अनुसार, मोंठ थाना क्षेत्र में ग्राम सौजना की बेतवा नदी में बालू का घाट संचालित है। जहां जनपद ललितपुर के ग्राम लागौन निवासी कृष्णदेव पुत्र सोवरन, सचिन कुशवाहा पुत्र रामेश्वर (मऊरानीपुर), छत्रपाल पुत्र रमेश चंद्र (मऊरानीपुर), सोमेंद्र पुत्र वीरेंद्र सिंह (कासगंज) तथा खुशीराम पुत्र विनोद कुमार (कासगंज) मजदूरी कर रहें थे। रात को खनन का काम जोरों पर था, इसी दौरान बेतवा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा। देखते ही देखते बालू घाट जलमग्न हो गया। बालू के एक ऊंचे ढेर पर पांचो मजदूरों ने शरण ली। वहां से निकलने की उनकी तमाम कोशिश विफल हो गई।
नदी के बीच डर के साए में गुजारी रात
मऊरानीपुर निवासी छत्रपाल ने बताया कि "वह एलएनटी मशीन का चालक है और करीब एक सप्ताह पहले बालू घाट पर काम करने आया था। रात को नदी से खनन किया जा रहा था। सभी पांचो लोगों की देर रात आंख लग गई और वह गहरी नींद में सो गए। तड़के सुबह जैसे ही उनकी आंख खुली चारों ओर बस पानी ही पानी नजर आ रहा था।" छत्रपाल ने कहा कि "वे सभी पूरी रात बालू के ऊंचे ढेर पर भयभीत बैठे रहे। अगर जलस्तर अधिक बढ़ जाता तो उनकी जान बचना मुश्किल हो जाती।"
सुबह मिली मदद
छत्रपाल का कहना है कि उन्होंने जैसे तैसे रात काटी! तड़के सुबह गांव वालों से मोबाइल के माध्यम से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई। कुछ देर बाद डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस को देख उनकी आंखों में उम्मीद की एक किरण जागी।
कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
सूचना मिलते ही एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, मोंठ एसडीएम अविनाश तिवारी, सीओ मोंठ अजय श्रोत्रीय, मोंठ कोतवाल अखिलेश द्विवेदी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल स्थानीय नाविकों और ग्रामीणों की मदद से राहत कार्य शुरू कर दिया।
नविको और स्थानीय ग्रामीणों ने वाहनों के टायरों में उपयोग होने वाले ट्यूब नदी में उतार दिए। वे ट्यूब्स पर सवार होकर धीरे-धीरे टापू तक पहुंचे, बचाव दल को देखते ही मजदूरों ने राहत की सांस ली। तत्पश्चात एक-एक कर सभी मजदूरों को किनारे तक लाया गया।
परिजनों का दुख छलका
कासगंज निवासी विनोद ने बताया कि "उसका बेटा खुशीराम मेहनत मजदूरी करके परिवार के भरण पोषण में अहम भूमिका निभाता है। उन्हें सुबह सूचना मिली कि उनका बेटा रात भर नदी में फंसा रहा। जानकारी मिलते ही परिजनों की आंखें भर आई। विनोद ने दुखी भाव में कहा कि खनन कारोबारी चंद पैसे के फायदे के लिए किसी के भी जीवन से खिलवाड़ कर देते हैं।
इन्होंने निभाई अहम भूमिका
इस बचाव कार्य में गांव सौजना निवासी जगदीश प्रसाद, प्रकाश, यशपाल तथा गांव मनकपुरा निवासी रतिराम, आनंद, अरविंद, हरीकिशोर, मोतीलाल ने अहम भूमिका निभाई है।
उक्त प्रकरण में पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय श्रोत्रीय ने बताया कि "कुछ लोग माइनिंग का काम कर रहे थे। फंसे होने की सूचना पर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन कर उन्हें सकुशल बचा लिया गया।
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