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Jhansi: कला का उत्सव, शिक्षक का सम्मान — “कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025” हेतु कलाकृतियां आमंत्रित
Jhansi News: झाँसी में कला आचार्य प्रदर्शनी 2025, शिक्षक दिवस पर कला शिक्षकों की रचनात्मकता को मंच मिला
कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025 (photo: social media )
Jhansi News: शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश तथा ललित कला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के संयुक्त तत्वावधान में “कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025” का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन कला और शिक्षण, सृजन और संवाद के उस सेतु का प्रतीक है जो कलाकार और शिक्षक, दोनों की संवेदना को एक सूत्र में बाँधता है।
राज्य ललित कला अकादमी द्वारा “कला आचार्य” शीर्षक से आयोजित प्रदर्शनियों का मूल उद्देश्य अकादमी की गतिविधियों को विकेन्द्रित करते हुए प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में निवासरत कला शिक्षकों तक पहुँचना है। इस पहल के माध्यम से न केवल कला शिक्षकों को अपनी सृजनशीलता प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है, बल्कि उन्हें अकादमी की योजनाओं और गतिविधियों से भी जोड़ा जाता है। यह आयोजन कला और शिक्षा के बीच गहरे संबंधों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है, जिससे कला शिक्षकों में जागरूकता और सहभागिता की नई भावना उत्पन्न होगी।
कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय, समन्वयक, ललित कला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी ने बताया कि “कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025” केवल शिक्षकों की कृतियों का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह आयोजन एक सृजनात्मक विमर्श का माध्यम बनेगा। उनके अनुसार, इस प्रदर्शनी के माध्यम से शिक्षकों को अपनी कलात्मक दृष्टि, अनुभव और संवेदनाओं को साझा करने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालय और अकादमी के बीच सहयोग की नई संभावनाएँ भी विकसित होंगी।
इस आयोजन में सह-संयोजक डॉ. अजय कुमार गुप्ता, डॉ. दिलीप कुमार, और गजेंद्र सिंह सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही, आयोजन की तैयारियों में दस सदस्यीय विद्यार्थी सहयोगी टीम भी योगदान दे रही है, जिसमें साधना वर्मा, अलादीन, सबत खाल्दी, ममता परिहार, दीपिका राजपूत, शिवानी कुशवाहा, आदर्श राजपूत, फैसल उस्मानी, सूरज कुमार और बिजेंद्र शामिल हैं। यह टीम प्रदर्शनी की रूपरेखा, कलाकृति संग्रहण और आयोजन की व्यवस्थाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
प्रदर्शनी शिक्षक दिवस की भावना को एक नई अर्थवत्ता प्रदान करती है
“कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025” हेतु कलाकृतियाँ 15 अक्टूबर 2025 तक ललित कला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी में प्रातः 11 बजे से शाम 4 बजे तक जमा की जा सकती हैं। यह प्रदर्शनी शिक्षक दिवस की भावना को एक नई अर्थवत्ता प्रदान करती है — जहाँ शिक्षक केवल ज्ञानदाता नहीं, बल्कि सृजन और संवेदना के वाहक हैं। “कला आचार्य कला प्रदर्शनी – 2025” इस विश्वास को पुष्ट करती है कि कला का वास्तविक उद्देश्य केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीवन के प्रति दृष्टि और संवेदना का विस्तार है। यह आयोजन शिक्षक और कलाकार दोनों के रूप में मानवता के उस स्पंदन को पुनर्जीवित करता है, जो समाज को सुंदर बनाता है।
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