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Kanpur News: फर्जी पते और कागजी कंपनियों के जरिए 138.47 करोड़ की कर चोरी का भंडाफोड़, दर्ज हुआ मुकदमा
Kanpur News: कानपुर में टैक्स चोरों की चौंकाने वाली करतूतें सामने आई हैं। जीएसटी विभाग की हालिया जांच और छापेमारी में खुलासा हुआ है कि फर्जी पते, जाली दस्तावेज और कागजी फर्मों के जरिए टैक्स चोरों ने सरकार को करीब ₹138.47 करोड़ की चपत लगाई है।
Kanpur News: स्मार्ट शहर कहे जाने वाले कानपुर में टैक्स चोरों की चौंकाने वाली करतूतें सामने आई हैं। जीएसटी विभाग की हालिया जांच और छापेमारी में खुलासा हुआ है कि फर्जी पते, जाली दस्तावेज और कागजी फर्मों के जरिए टैक्स चोरों ने सरकार को करीब ₹138.47 करोड़ की चपत लगाई है। मामला केवल चोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि इस रैकेट में देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े लोगों की संलिप्तता भी सामने आई है।
मामला-1: KT ट्रेडर्स – 83.38 करोड़ की कर चोरी
पनकी क्षेत्र में KT ट्रेडर्स (GSTIN: 09CJUPT6227R1ZT) नामक फर्म ने आवासीय मकान के पते पर जीएसटी पंजीयन कराया। जांच में पता चला कि यहां न कोई बोर्ड था, न ही कारोबारी गतिविधियां। प्रोपराइटर कार्तिक सिंह तोमर ने दिल्ली में भी एक पंजीकरण करा रखा है। इस फर्म ने GSTR-1 में करोड़ों की फर्जी आपूर्ति और ITC पास ऑन दिखाया, जबकि GSTR-2A में कोई इनवर्ड सप्लाई नहीं थी। कुल टैक्स चोरी की रकम ₹83.38 करोड़ आंकी गई है।
मामला-2: SR Sales – महाराष्ट्र से चला कानपुर में खेल
महाराष्ट्र के उल्हासनगर निवासी स्वतंत्र कुमार ने SR Sales (GSTIN: 091KFPK9483QIZV) नाम से फर्जी पंजीकरण कर 2 सालों में करोड़ों का व्यापार दिखाया। लेकिन जिस पते पर पंजीयन लिया गया था, वह मौके पर अस्तित्व में ही नहीं पाया गया। जांच में इस फर्म द्वारा ₹8.44 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है। दस्तावेज़ों में भारी गड़बड़ी पाई गई।
मामला-3: कुमार एंटरप्राइजेज – बिहार से आकर खेला बड़ा खेल
पटना के अजीत कुमार ने स्वरूप नगर, कानपुर में Kumar Enterprises (GSTIN-09OTGPK3718E2ZC) नाम से फर्जी फर्म खड़ी की। जांच में पता चला कि पंजीकृत पता एक आवासीय मकान है और मकान मालिक ने किराएदारी से इनकार किया। इस फर्म ने दो सालों में ₹37.87 करोड़ की टैक्स चोरी की। पूरे लेन-देन कागजों में किए गए थे, हकीकत में कुछ नहीं था।
मामला-4: आरके ट्रेडर्स – फिरोजाबाद का जालसाज
फिरोजाबाद निवासी गौतम सिंह ने RK Traders नाम से गोविंद नगर, कानपुर में फर्जी फर्म चलाई। विभागीय छापेमारी में पाया गया कि घोषित व्यापार स्थल पर कोई दुकान नहीं थी। पास के वृद्ध ने बताया कि मकान कभी किराए पर नहीं दिया गया। इस फर्म ने बिना किसी असल कारोबार के ₹8.70 करोड़ की इनपुट टैक्स क्रेडिट अर्जित और वितरित की।
सिस्टम की पोल खुली
इन मामलों से एक बात स्पष्ट है कि टैक्स चोरी के लिए जालसाज फर्जी दस्तावेजों, पते और कागजी कंपनियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। जीएसटी पोर्टल पर फर्जी दस्तावेज अपलोड कर आसानी से पंजीयन प्राप्त किया जा रहा है। विभागीय जांच में अब तक कुल ₹138.47 करोड़ की कर चोरी सामने आई है, लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने वाले राज्य कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सुव्यवस्थित कर चोरी का नेटवर्क है, जिसमें अन्य फर्मों और दलालों की भी भूमिका हो सकती है। सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
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