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Kaushambi News: कड़ा धाम मंदिर में भ्रष्टाचार उजागर, दुग्ध और प्रसाद गटर में बहा
Kaushambi News: कौशांबी के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर कड़ा धाम में निकासी व्यवस्था ध्वस्त, पूजा का दूध व प्रसाद गटर में मिला, नगर पंचायत के भ्रष्टाचार से भक्त आक्रोशित।
Kaushambi News: शर्मनाक यह देश के 51शक्ति पीठों में से एक उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी स्थित सुप्रसिद्ध माता शीतला मंदिर कड़ा धाम की दुर्दशा है एक ओर जहाँ हर साल देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा का सागर उड़ेलने आते हैं वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत के भ्रष्ट जिम्मेदार उनकी आस्था और मंदिर की पवित्रता को सीधे गटर में बहा रहे हैं यह सिर्फ अनदेखी नहीं है यह लाखों भक्तों की भावनाओं पर गहरी चोट है जो सरकारी धन के बंदरबाँट के कारण दी गई है मंदिर की गलियों में बहता जलहरी का दूध और पूजन सामग्री आज मल-मूत्र के साथ बहते गटर में मिलकर व्यवस्था पर एक कलंकित धब्बा लगा रहा हैं।
भक्त जिस श्रद्धा से माता को अर्पण करते हैं वह प्रसाद आज गंदगी में मिल रहा है सवाल पूछना ज़रूरी है क्या यही सुंदरीकरण है लाखों का सरकारी बजट जिस पवित्र जल निकासी पाइपलाइन के लिए खर्च किया गया था वह कहाँ है सूत्रों के अनुसार यह पाइपलाइन सीधे गंगा में जल प्रवाहित करने के लिए डाली गई थी तो फिर अतिक्रमण के सामने कौन से जिम्मेदार घुटने टेक कर बैठे हैं ये कागजी घोड़े दौड़ाने वाले अधिकारी मूकदर्शक की दीर्घा में अव्वल स्थान ग्रहण क्यों कर रहे हैं क्या उन्हें भक्तों के आक्रोश और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का ज़रा भी भय नहीं है भारी भरकम चढ़ावा शून्य जवाबदेही कड़ा धाम मंदिर में आने वाला भारी भरकम चढ़ावा और सरकारी सुंदरीकरण बजट आखिर किसकी जेबों में चला गया।
Kaushambi News: 51 शक्तिपीठ की पवित्रता को ग्रहण, लाखों भक्तों की आस्था का गटर तक का सफर, शीतला देवी कड़ा धाम मंदिर में भारी भरकम चढ़ावा, फिर भी चढ़ावे का दूध और पूजन सामग्री जा रही नालियों में, सरकारी भ्रष्टाचार का काला खेल@myogiadityanath pic.twitter.com/kepGEM0NAS
— Newstrack (@newstrackmedia) November 4, 2025
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत के अधिकारी और मंदिर के प्रभावशाली लोग इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में शामिल हैं प्रश्न सीधा है जब भारी भरकम का चढ़ावा आ रहा है और लाखों का सरकारी बजट खर्च हो चुका है तो एक सभ्य जल निकासी व्यवस्था क्यों नहीं बनाई जा सकी क्या जिम्मेदारों को लगता है कि भक्तों की आस्था इतनी सस्ती है कि उसे गटर में बहाया जा सकता है यह नजारा सिर्फ जल निकासी की समस्या नहीं बल्कि प्रशासनिक उदासीनता भ्रष्टाचार की घृणित मानसिकता और जनता के पैसे की खुली लूट का जीता जागता उदाहरण है यह कलंकित दृश्य जिम्मेदारों को सवालों के कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है और इस पर तत्काल उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।
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