लखनऊ में पेंशनर्स-कर्मचारी ने सरकार के खिलाफ किया धरना-प्रदर्शन: आवश्यक मांगों के पालन नहीं होने पर आहत कर्मचारी

Employee Pensioners Protest in Lucknow: माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र, महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सुपांशु मोहन ने राज्य सरकार द्वारा किए गए एक फैसले पर गहरी नाराजगी जताई।

Virat Sharma
Published on: 15 July 2025 8:16 PM IST
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Lucknow Today News: देशभर में अखिल भारतीय स्टेट गवर्नमेन्ट पेशनर्स फेडरेशन, उत्तर प्रदेश में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन और शिक्षक महासंघ द्वारा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शन सरकार की उदासीनता और 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बावजूद उसका पालन न होने के विरोध में किए गए। लाखों शिक्षक, कर्मचारी और पेंशनर्स ने इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रभावी कार्यवाही की मांग की गई।

50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने लिया हिस्सा

लखनऊ में यह कार्यक्रम वीएन सिंह प्रतिमा स्थल पर आयोजित किया गया, जिसमें पेंशनर्स और सेवारत कर्मचारियों की बड़ी संख्या शामिल थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा, और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पूरे प्रदेश में आज के आन्दोलन में 50,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए और एकजुट होकर सरकार को चेतावनी दी।




8वें वेतन आयोग के गठन की मांग

अमरनाथ यादव और ओपी त्रिपाठी ने सभा में कहा कि 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया था और कहा गया था कि आयोग की रिपोर्ट 1 जनवरी 2026 से लागू कर दी जाएगी, लेकिन 6 महीने का समय बीत जाने के बावजूद आयोग के गठन, अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, और टर्म्स ऑफ रेफरेंस के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने सरकार से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भत्तों की समीक्षा की भी मांग की।

वित्त विधेयक में बदलाव से पेंशनर्स में असंतोष

अखिल भारतीय पेंशनर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एसपी सिंह, राष्ट्रीय सचिव एसके मिश्रा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा ने संसद से पारित वित्त विधेयक 2025 में किए गए बदलावों पर अपनी चिंता व्यक्त की। इसके द्वारा सरकार को सेवानिवृत्ति तिथि के आधार पर पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है। पेंशनर्स के लिए यह बदलाव चिंता का कारण बन गया है और वे जानना चाहते हैं कि सरकार और आयोग पुराने पेंशनर्स के प्रति क्या दृष्टिकोण अपनाएंगे।

बच्चों की शिक्षा को लेकर राज्य सरकार के फैसले पर विरोध

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र, महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सुपांशु मोहन ने राज्य सरकार द्वारा किए गए एक फैसले पर गहरी नाराजगी जताई। सरकार ने अनिवार्य शिक्षा अधिनियम को नजरअंदाज करते हुए लगभग 11,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया है। इसका प्रतिकूल असर गरीब बच्चों की शिक्षा और शिक्षकों की स्थिति पर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को रद्द करने की अपील की।




पुरानी पेंशन योजना की बहाली की लंबित मांग

पेंशनर्स संगठनों के अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कोरोना काल में डीए/डीआर के एरियर का भुगतान और पेंशन की राशिकरण की 15 साल तक होने वाली कटौती की समस्याएं लंबित पड़ी हुई हैं, जिससे पेंशनर्स में असंतोष फैल रहा है। वहीं सभा में अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी, जिनमें ओपी राय, बीके सिंह, अंगद सिंह, आरसी उपाध्याय, नरेन्द्र प्रताप सिंह, श्याम सिंह राठौर, और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। सभा में सरकार से जल्द प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई ताकि कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनर्स के मसलों का समाधान हो सके।

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Lucknow Reporter

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