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पिता का इलाज कराने KGMU पहुंचा बेटा फूट-फूटकर रोया! वीडियो वायरल, बोला- 'ऐसे किसी को तड़पाकर नहीं मारना चाहिए'
लखनऊ के केजीएमयू लारी में हार्ट अटैक मरीज के इलाज में लापरवाही और स्टाफ की बदसलूकी का मामला सामने आया है। मरीज के बेटे अंकित मिश्रा ने रोते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से न्याय की गुहार लगाई। वीडियो वायरल होने से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं।
KGMU Lari Hospital Negligence Patient Son Cries for Justice Appeals to UP Deputy CM Brajesh Pathak
UP News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनेकों निर्देशों के बावजूद प्रदेश के बड़े बड़े सरकारी अस्पतालों के हालात लगातार बद से बद्तर स्थिति की ओर से बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ के केजीएमयू यानी मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टरों व कर्मचारियों की ओर से मरीज और उनके परिजनों से अभद्रता व बदसलू की से जुड़े मामले तेजी के साथ सामने आते हैं। अब इसी से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जिसने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, लखनऊ के बीकेटी इलाके के रहने वाले अंकित मिश्रा अपने पिता को हार्ट अटैक आने के बाद केजीएमयू के लारी लेकर पहुंचे थे, जहां मरीज व उनके परिवार के साथ हुई बदसलूकी ने अंकित मिश्रा को इस कदर तोड़ दिया कि वे वीडियो बनाकर लोगों से मदद मांगने को मजबूर हो गए। पीड़ित अंकित मिश्रा ने यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से रोते हुए न्याय की गुहार लगाई।
पिता को हार्ट अटैक आने पर लारी लेकर पहुंचे थे परिजन
बीकेटी थाना क्षेत्र के छठा मील के पास रहने वाले अंकित मिश्रा ने बताया कि उनके पिता रमाकांत मिश्रा को गुरुवार व शुक्रवार की देर रात तीसरा हार्ट अटैक पड़ा था, इससे 2 दिन पहले दूसरा अटैक भी पड़ा था। गुरुवार व शुक्रवार की देर रात तीसरा अटैक पड़ने पर बिठौली के पास IIM रोड पर स्थित SM हॉस्पिटल लेकर गए। जहां से डॉक्टरों ने लॉरी के लिए रेफर कर दिया। देर रात वे दर्द से तड़प रहे पिता को लेकर लारी आए, जहां रात में 1 बजे कर्मचारी पिता को इमरजेंसी में लेकर जाते हैं और करीब एक घंटे तक वे अकेले ही इमरजेंसी में पड़े थे उन्हें कोई इलाज नहीं मिलता है।
आरोप- इलाज की गुहार लगाने पहुँचा बेटा तो डॉक्टर ने फटकारकर भगाया
पीड़ित अंकित मिश्रा ने बताया कि मौके पर गौरव चौधरी नाम के एक डॉक्टर थे, जिन्होंने ने पिता का कोई इलाज नहीं किया। पिता के इलाज में दिखाई जा रही लापरवाही की शिकायत लेकर पीड़ित जब डॉक्टर गौरव चौधरी के पास गया तो उन्होंने अभद्रता करते हुए बाहर भगा दिया और कहा कि ये अस्पताल किसी के बाप का नहीं है। पीड़ित ने कहा कि मौके पर डॉक्टर ने जबरन नशे का आरोप लगाकर कर्मचारियों से धक्का दिलवाकर बाहर भगा दिया। पीड़ित के अनुसार, रात भर यही हालात रहे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे ICU में एडमिट कर दिया और करीब 2 से 3 घंटे बाद मां का फोन आता है कि तुम्हारे पापा को दूसरे नॉर्मल वाले ICU में शिफ्ट कर दिया।
लारी स्टाफ ने मरीज व परिजनों से की बदसलूकी
पीड़ित अंकित का कहना है कि मौके पर लारी के स्टाफ ने मरीज पिता और उनकी देखरेख में वहां मौजूद मां से बहुत बदसलूकी की। इतनी अभद्रता के बीच पिता का ब्लड प्रेशर हाई होने लगा। हालत बिगड़ने पर किसी तरह इंजेक्शन देकर स्थिति को सामान्य किया गया। पीड़ित ने बताया कि कुछ समय बाद मरीज पिता को शौच आई तो स्टाफ से मदद मांगी गयी, जिसपर स्टाफ ने हार्ट के इलाज का हवाला देकर शौच जाने से ही इनकार कर दिया। काफी स्थिति के बाद बाहर से पॉट लेकर आए और उसमें शौच कराई।
बेटे ने रो-रोकर बनाया वीडियो, कहा- 'किसी को ऐसे तड़पाकर नहीं मारना चाहिए'
इस घटना के बीच पीड़ित अंकित मिश्रा ने अस्पताल में इलाज में दिखाई जा रही लापरवाही से परेशान होकर एक वीडियो बनाया, जो कि अब सोशल मीडिया और वायरल हो रहा है। वीडियो में अंकित ने कहा कि मेरे पिता जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं लेकिन यहां लारी में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पीड़ित ने कहा कि अपने पिता को लेकर जब डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने अस्पताल से बाहर जाने को कह दिया और कहा कि इन्हें कहीं और दिखाओ जाकर। इतना ही नहीं पीड़ित में अपने वीडियो में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से गुजारिश करते हुए कहा कि ऐसे किसी को तड़पा तड़पा कर नहीं मारना चाहिए... कृपया मदद करिए। पीड़ित ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से वीडियो में लारी के स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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