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KGMU Lucknow ICAAICON 2025: स्वास्थ्य क्रांति की ओर लखनऊ, अस्थमा-एलर्जी पर गंभीर मंथन
KGMU लखनऊ में ICAAICON 2025 का सफल आयोजन, देश-विदेश के विशेषज्ञों ने अस्थमा, एलर्जी, प्रदूषण और आधुनिक उपचार पर गहन चर्चा की।
KGMU Lucknow ICAAICON 2025 (Image from Social Media)
KGMU News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने देश के सबसे प्रतिष्ठित श्वसन चिकित्सा मंच, इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी (ICAAICON) 2025 के 59वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। चार दिवसीय यह शैक्षणिक कार्यक्रम (30 अक्टूबर से 2 नवंबर) एलर्जी और अस्थमा को एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती मानते हुए, ज्ञान, नवाचार और बेहतर रोगी देखभाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संपन्न हुआ।
चिंताजनक आंकड़े और विशेषज्ञों का आह्वान
सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों ने एलर्जी और अस्थमा से जुड़े चिंताजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला।
वैश्विक प्रसार: विश्व एलर्जी संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 30-40% लोग एलर्जी से पीड़ित हैं।
भारत में अस्थमा: ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, भारत में लगभग 6.2% भारतीय (लगभग 7 करोड़ 40 लाख व्यक्ति) अस्थमा से ग्रसित हैं।
बच्चों पर प्रभाव: अस्थमा बच्चों में होने वाली सबसे प्रमुख क्रॉनिक बीमारी है, जिससे विश्व में लगभग 14% बच्चे पीड़ित हैं। यह बच्चों के स्कूल न जा पाने और अस्पताल में भर्ती होने का एक प्रमुख कारण है।
प्रदूषण और मृत्यु: वायु प्रदूषण भारत में सालाना लगभग 16 लाख मौतों का कारण बनता है।
पद्मश्री प्रोफ़ेसर (डॉ.) एस. चूड़ामणि गोपाल ने ICAAICON जैसे मंचों की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा, "एलर्जी और अस्थमा वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के रूप में उभर रहे हैं, और ICAAICON 2025 जैसे मंच ज्ञान, नवाचार और बेहतर रोगी देखभाल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।"
आयोजन सचिव प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश ने "सांस की आजादी हर व्यक्ति का अधिकार है" का नारा देते हुए, एलर्जी की सही पहचान, उपचार और स्वच्छ पर्यावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
विज्ञान और नवाचार पर मंथन
सम्मेलन में 200 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों सहित 800 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों पर गहन चर्चा हुई:
पर्यावरण और एलर्जी: जापान की प्रो. (डॉ.) रूबी पवनकर ने "माइक्रोबायोम, पर्यावरण और एलर्जी संबंधी रोग: जलवायु का प्रतिरक्षा स्वास्थ्य पर प्रभाव" विषय पर महत्वपूर्ण सत्र लिया।
उन्नत उपचार: इम्यूनोथेरेपी और बायोलॉजिक्स जैसी आधुनिक और उन्नत उपचार पद्धतियों के उपयोग पर व्यावहारिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जो गंभीर एलर्जी के इलाज में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
रोग निदान: फेफड़े के कार्य परीक्षण (PFT) और स्किन प्रिक टेस्ट (SPT) जैसी उन्नत नैदानिक तकनीकों पर भी सत्र हुए।
KGMU: श्वसन चिकित्सा का 'स्टेट-ऑफ-द-आर्ट' केंद्र
ICAAICON 2025 के सफल आयोजन ने श्वसन चिकित्सा में KGMU की अग्रणी भूमिका को रेखांकित किया।
KGMU के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में Skin Prick Test (SPT), इम्यूनोथेरेपी, बायोलॉजिक्स और उन्नत फेफड़े की जाँच की परिपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है।
विश्वविद्यालय में भारत का सबसे बड़ा 30 बिस्तरों वाला रेस्पिरेटरी आईसीयू स्थापित है, जिसकी सफल रिकवरी दर 85% से अधिक है।
समापन समारोह में शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए कई पुरस्कार दिए गए, जिसमें केजीएमयू की डॉ. शुभ्रा श्रीवास्तव को UCB ICAAI पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मेलन एलर्जी और अस्थमा के प्रभावी प्रबंधन में जागरूकता, अनुसंधान और सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी सफलता थी।
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