Lucknow news: केजीएमयू में पहली बार मरीज के संपूर्ण फेफड़े की धुलाई!

Lucknow news: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। पहली बार Whole Lung Lavage (WLL) जैसी जटिल और दुर्लभ प्रक्रिया को सफल कर मरीज के फेफड़ों की सफाई की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया है ।

Shubham Pratap Singh
Published on: 10 July 2025 8:24 PM IST (Updated on: 10 July 2025 8:26 PM IST)
Lucknow news: केजीएमयू में पहली बार मरीज के   संपूर्ण फेफड़े की धुलाई!
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Lucknow health news: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। पहली बार Whole Lung Lavage (WLL) जैसी जटिल और दुर्लभ प्रक्रिया को सफल कर लिया है ।

40 वर्षीय अनिरुद्ध का हुआ ऑपरेशन

40 वर्षीय अनिरुद्ध को सांस लेने में तकलीफ थी। वह डॉक्टर से परामर्श के लिए पहुंचे थे। इसके बाद उनकी जांच कराई गई,जिसमें मरीज को पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस (पीएपी)की बीमारी होने की बात सामने आई। उन्हें लगातार बढ़ती सांस की तकलीफ,सूखी खांसी और लगभग 15 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। डॉक्टरों के अनुसार जब मरीज के इलाज से पहले उसकी केस हिस्ट्री तैयार की गई तो पता चला की कई वर्षों तक सीमेंट और पत्थर ब्लास्टिंग इंडस्ट्री में काम करने का इतिहास था। जिससे मरीज को यह समस्या हुई। जब मरीज की ब्रोंकोएल्वोलर लावेज़ (BAL) की जांच कराई गई तो उसमें पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस की पुष्टि हुई।

दो चरणों में पूर्ण की गई प्र​क्रिया

डॉ. राजीव गर्ग ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को दो चरण में पूरा किया गया। पहले में दाहिने फेफड़े का लावेज़ और दूसरे में बाएं फेफड़े का लावेज साफ किया गया। इसके दौरान हमारी टीम में डॉ. आनंद श्रीवास्तव व रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर शामिल थे।

क्या है पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस

पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस एक फेफड़ों की बीमारी है। जिसमें प्रोटीन और चिकनाई युक्त गाढ़ा पदार्थ फेफड़ों की छोटी-छोटी वायुकोशिकाओं (एल्यूलाइ) में जमा हो जाता है। इससे ऑक्सीजन का रक्त में पहुंचना कठिन हो जाता है। जिससे सांस फूलना, खांसी और शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं होती हैं। इसका कारण अक्सर अज्ञात होता है। PAP का इलाज विशेष रूप से Whole Lung Lavage जैसी विधियों द्वारा ही संभव है। जिसमें फेफड़ों को धोकर अंदर जमा पदार्थ को निकाला जाता है।

हमारे लिए गर्व की बात

केजीएमयू की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद ने इस सफलता के लिए पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।

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