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Jhansi News: मेडिकल कॉलेज वार्ड में मरीज ने फांसी लगाई, तीन माह से चल रहा था भर्ती
Jhansi News: मोंठ थाना क्षेत्र के ग्राम अमरा निवासी आनंद दास (उम्र ज्ञात नहीं) पिछले कुछ समय से गंभीर फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त थे। करीब तीन माह पूर्व उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर आठ में भर्ती कराया गया था।
मेडिकल कॉलेज वार्ड में मरीज ने फांसी लगाई (PHOTO: SOCIAL MEDIA )
Jhansi News: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मंगलवार सुबह एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। मृतक पिछले तीन महीने से फेफड़े की बीमारी का इलाज करा रहा था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से अस्पताल प्रशासन और परिजनों में शोक की लहर है।
जानकारी के अनुसार, मोंठ थाना क्षेत्र के ग्राम अमरा निवासी आनंद दास (उम्र ज्ञात नहीं) पिछले कुछ समय से गंभीर फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त थे। करीब तीन माह पूर्व उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर आठ में भर्ती कराया गया था। उनके भाई सोनू ने बताया कि आनंद दास बीमारी की गंभीर स्थिति में भी महाकुंभ स्नान के लिए चले गए थे। बाद में घरवालों को सूचना मिली कि वह चित्रकूट स्टेशन पर बेहोश हालत में पड़े हैं। इसके बाद सोनू उन्हें लेकर मेडिकल कॉलेज आए थे।
आनंद दास को फेफड़ों की गंभीर बीमारी
अस्पताल में जांच के बाद पुष्टि हुई कि आनंद दास को फेफड़ों की गंभीर बीमारी है। इलाज के दौरान उनकी हालत में कुछ सुधार दिख रहा था। मंगलवार सुबह आनंद दास टॉयलेट गए, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लौटे। कुछ देर बाद दूसरा मरीज जब टॉयलेट गया तो उसने आनंद दास को गमछे के फंदे से लटका पाया। यह देखकर उसने तुरंत इसकी सूचना वार्ड स्टाफ और आनंद दास के भाई सोनू को दी।
सोनू ने बताया कि उनका भाई खाने-पीने में उदासीन था और अक्सर वार्ड में घूमता रहता था, लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा कदम उठा लेगा। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सीएमएस डॉ. सचिन माहौर तत्काल मौके पर पहुँचे। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, ताकि आत्महत्या के पीछे के सही कारणों का पता लगाया जा सके। परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है कि क्या आनंद दास किसी अवसाद में थे या कोई और कारण था।
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