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KGMU में दो दिवसीय परफॉर्मेंस ब्रेकथ्रू कार्यशाला: फैकल्टी ने सीखा प्रभावी टीमवर्क और समाधान
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर केजीएमयू की उपकुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस पहल की सराहना की और कहा कि नेतृत्व हर डॉक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है
Lucknow News: Photo-News Track
Lucknow Today News: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 11-12 अक्टूबर को एक परिवर्तनकारी दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय परफॉर्मेंस ब्रेकथ्रू रहा। यह कार्यशाला केजीएमयू बीईएसटी और केजीएमयू के मेडिकल एजुकेशन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के बीच नेतृत्व क्षमता और प्रदर्शन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना था। इस कार्यशाला में केजीएमयू के फैकल्टी सदस्य, जिनमें कई प्रमुख प्रशासनिक और नेतृत्व पदों पर कार्यरत सदस्य शामिल रहे।
उपकुलपति ने कार्यशाला की सराहना
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर केजीएमयू की उपकुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस पहल की सराहना की और कहा कि नेतृत्व हर डॉक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो केवल चिकित्सकीय क्षमता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रभावी संवाद, निर्णय-निर्माण और उच्च-जोखिम वाले स्वास्थ्य देखभाल परिवेश में टीमों को प्रेरित करने की क्षमता शामिल है। उन्होंने केजीएमयू बीईएसटी और मेडिकल एजुकेशन विभाग को सराहा, जिन्होंने फैकल्टी सदस्य के नेतृत्व, शिक्षा और प्रबंधन क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर अवसर प्रदान किए हैं।
कार्यशाला में प्रमुख विचार और शिक्षाएँ
कार्यशाला की आयोजन अध्यक्ष डॉ. अंजू अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि परफॉर्मेंस ब्रेकथ्रू तब संभव है जब पेशेवर अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को संस्थागत दृष्टिकोण के साथ संरेखित करते हैं, जिससे जवाबदेही, नवाचार और सहानुभूति का एक सशक्त माहौल उत्पन्न होता है। वहीं, डॉ. रिदम ने कहा कि मेडिकल संस्थानों में नेतृत्व प्रशिक्षण स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह चिकित्सकों और शिक्षकों में टीमवर्क, लचीलापन और समस्या-समाधान क्षमता को सुदृढ़ करता है।
नेतृत्व का असल मायना
कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक जयंत कृष्णा ने कार्यशाला के दौरान यह स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में असली नेतृत्व केवल पद की स्थिति से नहीं, बल्कि दूसरों को प्रेरित करने, प्रभावित करने और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लाने की क्षमता से होता है। उन्होंने कहा कि 'ब्रेकथ्रू प्रदर्शन' आत्म जागरूकता, उद्देश्य की स्पष्टता और निरंतर व्यक्तिगत अनुशासन में निहित होता है, जो सीधे तौर पर बेहतर रोगी परिणामों और संस्थागत विकास में परिवर्तित होता है।
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