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लखनऊ में क्रूरता की हदें पार! खच्चर के गले में रस्सी बांध की दरिंदगी...'AASRA' ने लिया मामले का संज्ञान, पुलिस-प्रशासन को पत्र लिखकर की जांच की मांग
लखनऊ में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना, खच्चर के गले में रस्सी बांधकर की गई दर्दनाक हत्या! NGO आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ने पुलिस और प्रशासन से सख्त जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में पशु क्रूरता से जुड़े अनेकों मामले सामने आते हैं, जिनसे जुड़ी तस्वीरें देखकर आप भी सहम जाते होंगे और फिर आपके मन भी सवाल आता होगा कि 'आखिर कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है'। अब एक बार फिर इसी से जुड़ा मामला सामने आया है, जिससे राजधानी लखनऊ एक बार फिर सदमे में है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानी क्रूरता के काले सच को उजागर कर दिया है। लखनऊ के महानगर इलाके में सड़क पर एक बेजुबान जानवर को जिस तरह से तड़पाकर मारा गया है, उसे देखकर हर संवेदनशील व्यक्ति का कलेजा काँप उठा है। सवाल यह है कि क्या मानवता इतनी गिर चुकी है? यह मामला सिर्फ एक खच्चर की मौत का नहीं, बल्कि लखनऊ में बढ़ती हुई पशु क्रूरता और बेफिक्री का जीता-जागता सबूत है। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
खच्चर के गले में रस्सी बांधकर तड़पा-तड़पाकर उतारा मौत के घाट
लखनऊ के लोगों को झकझोर देने वाली यह घटना गुरुवार की बताई जा रही है। इस मामले से जुड़ी जो जानकारी सामने आई है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है। एक खच्चर के गले में किसी अज्ञात और निर्दयी व्यक्ति ने जानबूझकर इतनी कसकर रस्सी बाँध दी कि दम घुटने से उसकी मौत हो गई। घटना की जगह और बेजान पड़े शव की स्थिति को देखकर यह स्पष्ट है कि यह कोई मामूली दुर्घटना नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत किया गया एक जघन्य अपराध है। खच्चर की साँसें जिस तरह से रोकी गईं, उससे साफ़ पता चलता है कि अपराधी का इरादा सिर्फ चोट पहुँचाना नहीं, बल्कि उस बेजुबान को तड़पा-तड़पाकर मारना था। यह क्रूरता की वह इंतहा है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।
NGO की हुंकार: 'हत्या' के शक में तुरंत हो जाँच!, FIR दर्ज करने की रखी मांग
इस हृदय विदारक घटना का संज्ञान लेते हुए, पिछले छह वर्षों से पशु क्रूरता के विरुद्ध सक्रिय रूप से कार्यरत संस्था Aasra The Helping Hands (NGO) तुरंत हरकत में आई। संस्था ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को एक कड़ा पत्र लिखा है। NGO ने अपने लंबे अनुभव के आधार पर दृढ़तापूर्वक कहा है कि यह मामला सामान्य मृत्यु का नहीं, बल्कि सीधे-सीधे हत्या का प्रतीत होता है। संस्था ने पुलिस से तुरंत और पूरी तरह से निष्पक्ष अनुसंधान की माँग की है। उनकी प्रमुख माँगों में यह शामिल है कि न सिर्फ उपयुक्त धाराओं के तहत तत्काल FIR दर्ज की जाए, बल्कि इस मामले को हत्या/हत्या के प्रयास के शक के रूप में देखकर फास्ट ट्रैक जाँच की जाए। NGO का मानना है कि अपराधी को जल्द से जल्द पहचान कर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
AASRA संगठन ने पशु के पोस्टमार्टम की रखी मांग
इस गंभीर अपराध के दोषियों तक पहुँचने के लिए NGO ने पुलिस को कुछ अहम सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने जोर दिया है कि पुलिस को फौरन घटनास्थल का निरीक्षण करना चाहिए। आस-पास लगे CCTV फुटेज को बिना देर किए सुरक्षित करना बेहद ज़रूरी है। इसके साथ ही आस-पास के गवाहों और अन्य साक्ष्यों को इकट्ठा करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए। अपराध की सही प्रकृति जानने के लिए संस्था ने पशु के शव का वेटरिनरी पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक परीक्षण कराने की भी माँग की है। उनका तर्क है कि इससे मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से स्थापित हो सकेगा और जाँच सही दिशा में आगे बढ़ेगी।
दरिंदों को सख़्त सज़ा, शून्य सहनशीलता का संदेश ज़रूरी
पशु प्रेमियों और आम जनता में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है। Aasra The Helping Hands ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस तरह के घिनौने अपराध पर शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) का संदेश देना अति आवश्यक है। संस्था ने माँग की है कि दोषियों पर सख्त से सख्त दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में किसी को भी ऐसी दरिंदगी करने की हिम्मत न हो। इसके अलावा, उन्होंने घटना के आसपास निगरानी बढ़ाने और लोगों की शिकायतों के लिए व्यवस्था सुदृढ़ करने के उपाय भी सुझाए हैं। फिलहाल, पूरा शहर प्रशासन की तरफ देख रहा है कि वह इस बेजुबान की मौत के लिए जिम्मेदार अज्ञात शख्स को कब पकड़ता है और उसे क्या सज़ा मिलती है। यह घटना लखनऊ के नागरिकों के लिए एक बड़ा सवाल है: क्या हम अपने शहर में बेजुबानों के प्रति इस तरह की क्रूरता को बर्दाश्त करते रहेंगे?
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