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Lucknow नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन, स्थानीय निकाय कर्मचारियों का मांगों को लेकर अनशन का ऐलान
Lucknow News: लखनऊ नगर निगम कर्मचारियों का विरोध शुरू, 10 नवंबर तक अनशन, 8 साल से लंबित मांगों पर योगी सरकार से आदेश की अपील।
Lucknow नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन (photo: social media )
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ के बैनर तले शुक्रवार 17 अक्टूबर को लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 17 अक्टूबर से 10 नवंबर तक काम के घंटों के दौरान लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि मिश्रा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर 10 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो पूरे प्रदेश के कर्मचारी अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
आठ वर्षों से लंबित मांगें नहीं मानी
महासंघ ने बताया कि इस अवधि में कर्मचारी काला फीता बांधकर काम करेंगे, जिसके जरिए वे अपना विरोध जता रहे हैं। इसके साथ ही दीपावली पर्व को सामूहिक रूप से न मनाने का भी संकल्प लिया गया है। महासंघ के अनुसार कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांग पत्र पिछले आठ वर्षों से नगर विकास विभाग में लंबित पड़ा है। इन मांगों में मुख्य रूप से अकेंद्रित कर्मचारियों की सेवा नियमावली लागू करना और 31 दिसंबर 2001 तक दैनिक वेतन, संविदा तथा तदर्थ (धारा 108) पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण शामिल है।
हर बैठक में मिली सिर्फ निराशा
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि मंत्री नगर विकास और प्रमुख सचिव स्तर पर छह महत्वपूर्ण बैठकें हुईं, जहां बार-बार समयबद्ध समाधान का आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले 9 अक्टूबर को लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर विशाल धरना-प्रदर्शन के दौरान महासंघ ने ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद 16 अक्टूबर को विशेष सचिव नगर विकास सत्य प्रकाश पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में केवल दो बिंदुओं सेवा नियमावली और पुराने कर्मचारियों के नियमितीकरण पर चर्चा हुई, जबकि बाकी महत्वपूर्ण मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया।
मांगें नहीं मानी गईं तो होगा बंद
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने चेतावनी देकरकहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 9 अक्टूबर के ज्ञापन के अनुसार प्रदेशव्यापी कार्यबंदी की जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार, शासन और नगर विकास विभाग की होगी। आंदोलन के अगले चरण के तहत हर कार्यदिवस को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक नगर निगम मुख्यालय पर प्रदेश की इकाइयों से पांच प्रतिनिधि अनशन में भाग लेंगे। प्रदेश के 17 नगर निगमों से जुड़े हजारों कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल होने को तैयार हैं। महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शासन स्तर पर आदेश जारी करवाने की अपील की है।
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