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'मौलाना साजिद रशीदी BJP के एजेंट...'! कहकर समाजवादी छात्र सभा का फूटा गुस्सा, 1090 चौराहे पर होर्डिंग लगाकर पोती स्याही, लगाई आग

Lucknow News: सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने रशीदी को बीजेपी का एजेंट बताते हुए चेतावनी दी कि समाजवादी पार्टी की महिलाओं के सम्मान पर हमला सहन नहीं किया जाएगा।

Hemendra Tripathi
Published on: 30 July 2025 12:16 PM IST (Updated on: 30 July 2025 3:37 PM IST)
मौलाना साजिद रशीदी BJP के एजेंट...! कहकर समाजवादी छात्र सभा का फूटा गुस्सा, 1090 चौराहे पर होर्डिंग लगाकर पोती स्याही, लगाई आग
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Lucknow News

Lucknow News: राजनीति में शब्दों की गरिमा टूटे, तो जनआक्रोश सड़कों पर नजर आता है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ लखनऊ में बवाल मच गया है। मामले में साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज होने के बावजूद सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के 1090 चौराहे पर इस मामले पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए साजिद रशीदी के पोस्टर पर स्याही पोती और फिर उसमें आग लगा दी। सपा छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने रशीदी को बीजेपी का एजेंट बताते हुए चेतावनी दी कि समाजवादी पार्टी की महिलाओं के सम्मान पर हमला सहन नहीं किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने यूपी की राजनीति में एक बार फिर "राजनीतिक भाषा की मर्यादा" पर बहस छेड़ दी है।


FIR के बाद भी जारी है प्रदर्शन, 1090 चौराहे पर पोस्टर लगाकर पोती स्याही

मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज हो चुकी है, लेकिन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केवल प्राथमिकी से काम नहीं चलेगा। उनका गुस्सा सड़कों पर नजर आ रहा है। 1090 चौराहे पर हुए प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने रशीदी की तस्वीर पर काली स्याही फेंकी और पोस्टर जलाया। चौराहे पर जो पोस्टर समाजवादी छात्रा सभा की ओर से लगाया गया, उसमें लिखा था कि 'जूता चप्पल और कुटाई मौलाना साजिद रशीदी और उनके आकाओं की यही दवाई'।

छात्र सभा ने संभाला मोर्चा, नेतृत्व में दिखा आक्रोश

इस प्रदर्शन का नेतृत्व समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि साजिद रशीदी बीजेपी के टुकड़ों पर पलने वाला मौलाना है, जिसे समाजवादी आंदोलन की ताकत का अंदाजा नहीं है। अगर उसने अपनी भाषा पर काबू नहीं रखा, तो समाजवादी कार्यकर्ता सड़कों से लेकर न्यायालय तक उसे घेर लेंगे।


डिंपल यादव पर टिप्पणी: राजनीति में बढ़ती गिरावट का नमूना?

मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणी ने सिर्फ सपा कार्यकर्ताओं को नहीं, बल्कि आम लोगों को भी आहत किया है। सोशल मीडिया पर इस बयान के खिलाफ जमकर प्रतिक्रिया आ रही है। कई यूजर्स ने यह सवाल उठाया है कि क्या महिलाओं के सम्मान को राजनीति में बली का बकरा बना दिया गया है? राजनीति में वैचारिक असहमति अब व्यक्तिगत हमलों में बदलती जा रही है। आपको बता दें कि ये मामला अब सिर्फ एक बयान या विरोध तक सीमित नहीं रहा। यह राजनीतिक मर्यादा बनाम भीड़ का न्याय जैसा रूप लेता जा रहा है। सत्तापक्ष पर यह सवाल उठ रहा है कि ऐसी टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती? वहीं विपक्ष के विरोध के तरीके भी चर्चा का विषय बन रहे हैं।

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