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NSUI कार्यकर्ताओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर ताला लगाने का किया प्रयास, प्राथमिक विद्यालयों के विलय के विरोध में प्रदर्शन
Lucknow News: एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार द्वारा 5,000 प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किए जाने के विरोध में किया गया। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर ताला लगाने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया।
NSUI Protest in Lucknow (Photo: Newstrack)
Lucknow News: लखनऊ के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5,000 प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किए जाने के विरोध में किया गया। इस विलय को कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई ने शिक्षा के अधिकार पर हमला बताया है। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर ताला लगाने का भी प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया।
शिक्षा निदेशालय पर ताला लगाया
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने दोपहर को निदेशालय के बाहर जुटना शुरू कर दिया था। उनके हाथों में बैनर और पोस्टर थे जिन पर 'शिक्षा बचाओ', 'स्कूलों का विलय बंद करो' और 'बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बंद हो' जैसे नारे लिखे हुए थे। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करने के फैसले को वापस लिया जाए। एनएसयूआई कार्यकर्ता अनस रहमान ने कहा कि सरकार 5,000 प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करके गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है।
शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त
यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर देगा। छोटे-छोटे गांवों में जहां बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा, वहां शिक्षा कैसे संभव होगी? एनएसयूआई कार्यकर्ता आर्यन मिश्रा ने कहा कि सरकार का यह कदम शिक्षा के भगवाकरण और निजीकरण की ओर एक और कदम है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने निदेशालय के मुख्य द्वार पर ताला लगाने का भी प्रयास किया। वहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने हस्तक्षेप करके असफल कर दिया। उसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प हो गई।
कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
उसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को बसों में भरकर इको गार्डन भेज दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर बेसिक शिक्षा विभाग या उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है। कांग्रेस ने चेतावनी देकर कहा कि यदि सरकार ने फैसले को वापस नहीं लिया तो वे पूरे प्रदेश में विरोध तेज प्रदर्शन करेंगे। शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के कदम पर चिंता व्यक्त की है। सामाजिक कार्यकर्त्ता दीपक कबीर ने कहा प्राथमिक विद्यालयों का विलय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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