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Lucknow में अफसर बेटे का तांडव! सिपाही की वर्दी फाड़कर चौकी पीटा, तीन आरोपियों पर हुआ दिखावटी एक्शन, रईसजादे का नाम लेने से बच रही पुलिस

Lucknow News: ये पूरा मामला 29 मई की देर रात हजरतगंज थाना क्षेत्र के केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास का है। बताया जाता है कि स्टेडियम के पास अर्जुन चौरसिया गश्त पर थे।

Hemendra Tripathi
Published on: 12 Jun 2025 4:32 PM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर लगातार बड़े बड़े दावे करते हुए पुलिस अधिकारियों को कानून का पाठ पढ़ाया जाता है लेकिन उसी कानून की धज्जियाँ उड़ाने में विभागीय अफसर और उनके सगे संबंधी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसी से जुड़ा एक बड़ा मामला लखनऊ से सामने आया, जहाँ एक पुलिस विभाग के अफसर ने ऐसा तांडव दिखाया कि पूरा पुलिस महकमा सदमे में चला गया।

आलम ये है कि अफसर के बेटे का नाम सामने आया तो नौकरी का खतरा और नाम नहीं सामने आया सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक विभागीय कार्यशैली पर सवालों का अंबार। दरअसल, ये पूरा मामला 29 मई का है, जब ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही को पुलिस विभाग के एक बड़े अफसर के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर सिपाही की सरेआम पिटाई कर दी। मामले से जुड़ी परते तब खुलना शुरू हुई, जब इस घटना से जुड़ी एक एफआईआर सामने आई।

29 मई की देर रात रात हुई थी वारदात, चौकी के भीतर ले जाकर की थी सिपाही की पिटाई

ये पूरा मामला 29 मई की देर रात हजरतगंज थाना क्षेत्र के केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास का है। बताया जाता है कि स्टेडियम के पास अर्जुन चौरसिया गश्त पर थे। चौकी के पास ही इनोवा सवार 4 युवक नशे में धुत होकर आपस में लड़ते दिखाई दिए। सिपाही ने मौके पर जाकर जब उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो नशे में धुत युवक भड़क गए और उन्होंने सिपाही को गालियां देनी शुरू कर दी। इससे भी मन नहीं भरा तो सिपाही को पकड़कर नजदीकी स्टेडियम चौकी तक ले गया, जहां चारों ने मिलकर सिपाही की बेरहमी से पिटाई करते हुए उसकी वर्दी फाड़ दी। बताया जाता है कि सूचना पर पहुंची हजरतगंज थाने की पुलिस ने 4 आरोपियों में से 3 आरोपियों को पकड़ लिया। वहीं, चौथा आरोपी मौके से अपनी इनोवा लेकर फरार हो गया।

दावा- एडीजी का बेटा है चौथा आरोपी, 12 दिन तक मामला दबाए रही पुलिस

इस पूरे घटनाक्रम में दावा किया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस जिस चौथे आरोपी को मौके से फरार बता रही है, वो पुलिस मुख्यालय में तैनात किसी एडीजी रैंक के अफसर का बेटा है। यही कारण है कि पुलिस ने सिपाही के साथ हुई इस मारपीट के मामले को 12 दिनों तक दबाए रखा। 11 जून को एफआईआर सामने आने के बाद प्रकरण का खुलासा हुआ। चौथा आरोपी एडीजी के बेटे होने की बात को सोशल मीडिया पर इस लिए भी बल दिया जा रहा है क्योंकि चप्पे चप्पे पर लगे हाईटेक सीसीटीवी से लैस इस शहर की पुलिस को 12 दिन बीत जाने के बाद भी न उस आरोपी का कोई सुराग मिला है और न ही मौके से गायब होने वाली इनोवा गाड़ी का कुछ पता चला है।

पकड़े गए 3 आरोपियों को दिखावटी कार्रवाई के बाद छोड़ा, चौथे आरोपी का नाम ’अज्ञात’

आपको बता दें कि घटना के अगले दिन यानी 30 मई को पुलिस ने चोरी छिपे 3 नामजद व अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं, मौके से पकड़े गए जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार नाममके तीनों आरोपियों को निजी मुचलके पर थाने से जमानत दे दी गई। पीड़ित सिपाही की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ शांति भंग, सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, धमकी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया और बाद में छोड़ दिया गया। इसके साथ ही चौथे आरोपी का नाम अज्ञात में डाला गया, जिसका अभी तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या पकड़े गए तीनों आरोपियों से हुई पूछताछ में उन्होंने चौथे आरोपी का नाम नहीं बताया होगा? या फिर चौथे आरोपी का नाम पता होने के बावजूद पुलिस किसी भय के चलते उससे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रही है। हालांकि अब इस मामले से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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