TRENDING TAGS :
लखनऊ में पल्लवी पटेल ने 500 महिलाओं के साथ निकाला 'विरोध मार्च', पुलिस से हुई झड़प, महिलाओं की सुरक्षा पर उठाए सवाल
Lucknow News: लखनऊ में पल्लवी पटेल ने 500 महिलाओं के साथ विरोध मार्च निकाला। महिलाओं की सुरक्षा और जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बापू भवन की ओर बढ़ते मार्च को पुलिस ने रोका, जिसके बाद झड़प हुई और सभी को इको गार्डन भेजा गया।
Lucknow women's protest
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में अपना दल (कमेरावादी) के बैनर तले 'दूसरी आजादी का प्रथम क्रांति दिवस' का नाम देते हुए पल्लवी पटेल ने प्रदेश के अलग अलग जिलों से आई करीब 500 की संख्या में महिलाओं के साथ विरोध मार्च निकाला। बापू भवन तक निकाले जा रहे इस विरोध मार्च में पल्लवी पटेल समेत अन्य महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर जमकर नारे लगाए और प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा व अधिकारों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। मार्च के बापू भवन तक पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोक दिया, जिसके बाद पुलिस से हो रही झड़प के बीच महिलाओं सहित पल्लवी पटेल को बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया गया।
500 महिलाओं के साथ निकाला विरोध मार्च
पल्लवी पटेल ने लखनऊ में प्रदेशभर से आईं 500 महिलाओं के साथ विरोध मार्च निकाला। उन्होंने हाथ में तख्ती लेकर जमकर अपनी मांगों को लेकर नारे लगाए और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। पल्लवी पटेल के नेतृत्व में निकाला गया ये मार्च अपना दल (कमेरावादी) की ओर से 'दूसरी आजादी का प्रथम क्रांति दिवस' के रूप में मनाया गया। बापू भवन की ओर तेजी से बढ़ रहे मार्च को स्थानीय थाने के साथ अन्य थानों की तैनात हुई पुलिस फोर्स ने सुरक्षा के नजरिये से बीच रास्ते में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिसके बाद पल्लवी पटेल सहित सभी महिलाओं की पुलिस से नही झड़प के बीच सभी को बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया गया।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खड़े किए सवाल, जातिगत जनगणना की रखी मांग
विरोध मार्च के दौरान मीडिया से बातचीत में पल्लवी पटेल ने कहा कि प्रदेश में न कन्याएं सुरक्षित हैं और न ही महिलाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरकर आई हैं। उन्होंने योगी सरकार से जातिगत जनगणना की समयसीमा तय करने की मांग की ताकि वंचित वर्ग की महिलाओं को उचित अधिकार मिल सकें। पल्लवी पटेल ने मौके पर कहा कि यह आंदोलन अभी और लंबा चलेगा। उन्होंने कहा कि सोनेलाल पटेल ने वंचितों और किसानों के हक की लड़ाई हमेशा लड़ी, जिसके चलते उनकी सुनियोजित तरीके से हत्या कर दी गई। उनकी हत्या के बाद से ही पार्टी उनके इंतकाल दिवस को 'दूसरी आजादी का प्रथम क्रांति दिवस' के रूप में मनाती आ रही है। महिलाएं सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार और रसोई के मुद्दों पर आवाज उठाती रहेंगी।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!