TRENDING TAGS :
सावन में शक्ति और श्रद्धा का संगम: लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर से निकली 'महिला कांवड़ यात्रा', पीले वस्त्रों में गूंजे "हर हर शंभू" के जयकारे
Lucknow News: लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर से निकली भव्य महिला कांवड़ यात्रा में सावन की भक्ति और नारी शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। पीले वस्त्रों में सजी महिलाओं ने हर-हर शंभू के जयकारों से माहौल को शिवमय बना दिया।
Lucknow News: सावन मास के पावन अवसर पर बुधवार को लखनऊ की पवित्र भूमि पर भक्ति, नारी शक्ति और संस्कृति का अनुपम संगम देखने को मिला। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर से विश्व मंगल सभा द्वारा आयोजित महिला कांवड़ यात्रा का शुभारंभ किया गया। पीले वस्त्रों में सजी सैकड़ों महिलाएं "हर हर शंभू" और "ओम नमः शिवाय" के जयघोष के साथ जब हाथों में जल लिए निकलीं, तो वातावरण शिवमय हो गया। यह यात्रा मनकामेश्वर मंदिर से शुरू होकर हनुमान सेतु होते हुए खाटू श्याम मंदिर पहुंची। महंत दिव्या गिरी के नेतृत्व में इस भव्य आयोजन ने सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी संदेश दिया। नृत्य, भजन और जयकारों से सजी यह कांवड़ यात्रा श्रद्धा और उत्साह से ओतप्रोत रही।
शिवभक्ति में डूबी लखनऊ की महिलाएं
सावन के दूसरे बुधवार को लखनऊ का डालीगंज इलाका शिवभक्ति के रंग में रंग गया। मनकामेश्वर मंदिर से शुरू हुई महिला कांवड़ यात्रा में श्रद्धा की गहराई और शक्ति का प्रभाव एक साथ देखने को मिला। सैकड़ों महिलाएं पीले वस्त्र धारण कर, हाथों में पवित्र जल लेकर भगवान शिव के जयकारों के साथ आगे बढ़ीं। "हर हर महादेव", "जय भोलेनाथ" और "हर हर शंभू" के उद्घोष से पूरा मार्ग शिवमय हो गया। श्रद्धालु महिलाएं नृत्य करते हुए भजनों पर झूम रहीं थीं, तो राहगीर इस दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो उठे।
ऐतिहासिक किरदारों में बालिकाएं बनीं आकर्षण का केंद्र
इस यात्रा में बालिकाओं द्वारा धारण की गई ऐतिहासिक वेशभूषाएं एक अनोखी विशेषता रही। रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और अहिल्याबाई होलकर के रूप में सजी इन बच्चियों ने नारी परंपरा, वीरता और आस्था का प्रतीक बनकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। ये झांकियां न केवल धार्मिक भावना को और प्रबल करती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को अपने इतिहास से जोड़ने का संदेश भी देती हैं।
यात्रा का पथ और उद्देश्य
यह कांवड़ यात्रा मनकामेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर हनुमान सेतु होते हुए खाटू श्याम मंदिर तक पहुंची। खाटू श्याम मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर कांवड़ यात्रा का समापन किया गया। यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक भावना तक सीमित नहीं था, बल्कि महिला एकता, सांस्कृतिक जागरूकता, और सशक्तिकरण को भी जन-जन तक पहुँचाना था। हर महिला हाथों में जल लिए, मन में श्रद्धा और चेहरे पर आत्मविश्वास के साथ चल रही थी।
भक्ति संगीत, बैंड-बाजे और नृत्य से गूंजा वातावरण
यात्रा के दौरान जगह-जगह बैंड-बाजे और शिव भजनों की गूंज सुनाई दी। महिलाएं नाचती-गातीं भक्ति में लीन थीं। वातावरण में ऐसी ऊर्जा थी, जिसने न सिर्फ श्रद्धालुओं को, बल्कि आम राहगीरों को भी अपनी आभा में खींच लिया। "भोले बाबा" की भक्ति में डूबी महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। यह दृश्य किसी पर्व या उत्सव से कम नहीं था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, महिला पुलिस बल की तैनाती
इस विशाल महिला कांवड़ यात्रा को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। आस-पास के थानों की फोर्स तैनात रही, ताकि यातायात और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। खास बात ये रही कि इस यात्रा में महिला पुलिस बल की भी विशेष तैनाती रही, जो महिलाओं की सुरक्षा और सहयोग में पूरी तरह मुस्तैद दिखी। यह नज़ारा भी महिला सशक्तिकरण का संदेश देता रहा।
नारी शक्ति और संस्कृति का सुंदर समन्वय
इस महिला कांवड़ यात्रा ने सावन मास की धार्मिक परंपराओं को निभाने के साथ-साथ नारी शक्ति का भी भव्य प्रदर्शन किया। महंत दिव्या गिरी के नेतृत्व में यह आयोजन हर दृष्टिकोण से सफल और प्रेरणादायक रहा। महिलाओं की आस्था, अनुशासन, ऊर्जा और एकजुटता ने यह दिखा दिया कि अब धार्मिक आयोजनों में भी महिलाओं की भागीदारी निर्णायक और प्रभावशाली होती जा रही है। यह सिर्फ एक कांवड़ यात्रा नहीं थी, यह एक संदेश था कि शक्ति जब श्रद्धा से जुड़ती है, तो समाज में नई चेतना जन्म लेती है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!