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पहले इलाज में की लापरवाही फिर मरीज को ही भेज दिया 10 लाख के मानहानी का नोटिस
Lucknow News: भाऊ राव देवरस अस्पताल में भर्ती एक मरीज को अस्पताल की डॉक्टर ने वकील से नोटिस भेजवाया
BRD ( File Photo)
Lucknow News: राजधानी के भाऊ राव देवरस अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने उसको अस्पताल में भर्ती करने के बाद सही इलाज न करने और इलाज के दौरान मरीज और तीमारदारों से अभद्र व्यवहार का आरोप अस्पताल की एक वरिष्ठ महिला चिकित्सक पर लगाया है। मरीज ने मामले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर की है। उसके द्वारा की गई इस शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई के बीच अब महिला चिकित्सक ने मरीज और उसके तीमारदार को मानहानी का नोटिस भेजवाया है।
कल्याणपुर निवासी कैलाश चंद्र पाठक को कुछ दिनों पहले अचानक पेट में दर्ज उठा। दर्द इतना अधिक था की उसके कारण मरीज को तेज बुखार और साथ में उल्टी की समस्या होने लगी। इसके बाद परिजन उसे आनन-फानन में महानगर स्थित बीआरडी अस्पताल लेकर पहुंचे। मौके पर ड्यूटी पर महिला चिकित्सक मिली। परिजनों का आरोप है की मरीज की हालत खराब होने के बाद भी डॉकटर ने सिर्फ दवा लिखा और वापस जाने को कहा। लेकिन मरीज को पेट में असहनीय दर्द हो रहा था। इस कारण उन्होंने डॉक्टर से अनुरोध किया की मरीज को भर्ती कर उसका इलाज किया जाए।
कई बार मिन्नतें की तब किया भर्ती
कैलाश के पिता मनोहर दत्त पाठक से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके बेटे को पथरी की समस्या है। जब उसकी तबियत खराब हुई तो वह उसे तत्काल अस्पताल लेकर गए। लेकिन, ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ने इलाज के नाम पर सिर्फ दवा लिखा। न तो मरीज की सही से देखा और न ही उसकी जांच पड़ताल कराई। जबकि डॉक्टर को यह बताया भी गया कि मरीज को पथरी की समस्या है। इसके बावजूद उसकी तकलीफ को अनदेखा कर सिर्फ दवाई लिखने के नाम पर खानापूर्ति की गई। जब बेटे का दर्द कम नहीं हुआ तो डॉक्टर से कई बार कहने पर उन्होंने उसे भर्ती किया लेकिन,कोई डॉक्टर उसके इलाज में सही से दिलचस्पी नहीं ले रहा था। जब हालत थोड़ी सही हुई तो हमने उसे वहां से डिस्चार्ज कराकर उसे हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में इलाज शुरू कराया। जहां डॉक्टर ने बताया कि उसके पेट से किडनी के तरफ जा रही नली के मोड़ पर पथरी फंसी हुई है, जिसके वजह से उसे यह समस्या हुई। फिलहाल उसका इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों ने अब उसे बड़े चिकित्सा संस्थान में इलाज के लिए रेफर किया है।
आईजीआरएस पर शिकायत के बाद गठित हुई कमेटी
इलाज के दौरान हुई लापरवाही के मामले में पीड़ित ने आईजीआरएस पर शिकायत की है। जिसके बाद चिकित्सक पर लगाए गए आरोपों की असलियत जानने के लिए बीआरडी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय द्वारा एक चार सदसीय जांच कमेटी गठित की गई है। जिसमें पीड़ित के बुलाकर उसका बयान दर्ज किया गया है।
इधर दिया बयान उधर भेजा मानहानी का नोटिस
पीड़ित मरीज कैलाश को बीआरडी में शिकायत के बाद शुरू हुई जांच के लिए अपना पक्ष रखने के लिए अस्पताल बुलाया गया था। जब मामले में उसका बयान ले लिया गया तो इसके बाद चिकित्सिका ने मरीज को उसके उपर आरोप लगाने के ऐवज में मानहानी का अरोप लगा दिया और मरीज और उसके परिवार से उसके पेशे को चोट पहुंचाने के ऐवज में दस लाख का दावा ठाकते हुए नोटिस भेजा है। जिसके बाद अब पीड़ित मरीज और उसका परिवार इंसाफ के लिए सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगा रहा है।
सीएमओ ने गठित की जांच कमेटी नोटिस के बारे में जानकारी नहीं
इस मामले पर जब अस्पताल के सीएमएस डॉ.रणजीत कुमार के अनुसार मामले में अभी जांच चल रही है। जांच के लिए सीएमओ द्वारा कमेटी गठित की गई है। जल्द ही जांच पूरी करके रिपोर्ट पोर्टल पर डाल दी जाएगी। लेकिन, डॉक्टर द्वारा मरीज को मानहानी का नोटिस दिया गया है इसकी किसी प्रकार की जानकारी नहीं है।
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