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Lucknow News: 'गब्बर फ़िल्म की तरह अस्पताल की करतूत', मरीज की मौत के बाद भी नहीं दी खबर, साढ़े 3 लाख की रखी मांग, परिजनों ने किया हंगामा
Lucknow News: लखनऊ के बंथरा स्थित प्रसाद हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने इस दौरान आरोप लगाया मरीज की मौत 2 दिन पहले ही हो गयी थी लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पैसे ऐंठने के लिए मरीज की मौत की जानकारी परिजनों को नहीं दी।
Lucknow News: कई साल पहले अभिनेता अक्षय कुमार की आई गब्बर नाम की फ़िल्म आपने जरूर देखी होगी, जिसमें अस्पताल की ओर से मरे हुए मरीज को वेंटिलेटर पर रखकर परिजनों से बिना मृत्यु की जानकारी दिए पैसे ऐंठने की कोशिश की जाती है। ऐसा ही एक वाकया लखनऊ के बंथरा स्थित प्रसाद हॉस्पिटल में देखने को मिला, जहां मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने इस दौरान आरोप लगाया मरीज की मौत 2 दिन पहले ही हो गयी थी लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पैसे ऐंठने के लिए मरीज की मौत की जानकारी परिजनों को नहीं दी।
मारपीट की घटना में घायल हुआ था युवक, सोमवार को अस्पताल में हुआ था भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार, बीते रविवार को सरोजनी नगर थाना क्षेत्र के गहरू के रहने वाले दीपक कुमार नाम के युवक के डाले से तार टूटने के बाद गांव के ही राकेश, बृजेश आजाद और प्रेम से विवाद हुआ था। बताया जाता है रविवार रात सभी आरोपी दीपक के घर पहुंचे और अभद्रता करने लगें। इसी दौरान मारपीट का विरोध कर रहे दीपक के 35 वर्षीय चाचा गोपाल से भी आरोपियों ने मारपीट की, जिससे उसके चाचा गंभीर रूप घायल हो गए। आनन फानन में परिजनों ने गोपाल को इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया, जहां से गोपाल को KGMU के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। लेकिन हालत गंभीर देखते हुए सोमवार सुबह परिजन गोपाल को बंथरा स्थित प्रसाद हॉस्पिटल ले आए और बेहतर इलाज के लिए भर्ती करा दिया। इतना ही नहीं, रविवार को ही दीपक ने इस मामले को लेकर सरोजनी नगर थाने में तहरीर दी थी।
मौत की जानकारी देकर साढ़े 3 लाख की रखी मांग, नहीं दिया शव
पीड़ित के अनुसार, गुरुवार को अस्पताल प्रशासन ने गोपाल की मौत की परिजनों को जानकारी दी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की ओर से रुपयों के लालच में गोपाल की मौत की जानकारी छिपाई गई और फिर 3.50 लाख रुपए का बिल थमा दिया गया। इस दौरान अस्पताल की ओर से पूरे रुपए जमा न करने पर गोपाल का शव न देने की बात कही गई। परिजनों का आरोप है कि सोमवार सुबह गोपाल को भर्ती कराया गया था, वहीं, सोमवार शाम को ही गोपाल की तबियत अचानक तेजी के साथ बिगड़ी थी, तब अस्पताल के डॉक्टर ने गोपाल को वेंटिलेटर पर गंभीर हालत बताकर ले गए। दीपक ने बताया कि गोपाल की मौत अगले ही दिन मंगलवार को हो गई थी, लेकिन प्रसाद अस्पताल के प्रशासन की ओर से सिर्फ रकम ऐंठने के चक्कर में शव को वेंटिलेटर पर रखा गया, जिससे मोटी रकम ऐंठी जा सके।
परिजनों के हंगामें पर पहुंची पुलिस, समझा बुझाकर शांत कराया मामला
मरीज की मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने अस्पताल के सामने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि जब तक मरीज वेंटिलेटर पर था, तब तक परिजनों को मरीज से सिर्फ रुपये ऐंठने के चलते मिलने तक नहीं दिया गया। मौके की स्थिति हो देखते हुए पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से बात करते हुए मृतक के परिजनों से 50 हजार रुपए दिलाए, जिसके बाद बाद मामला शांत हुआ और अस्पताल ने शव को परिजनों को सौंपा। पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं, पूर्व में पीड़ित दीपक की ओर से दी गयी तहरीर में हत्या की धारा बढ़ाकर जांच की जा रही है।
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