राजनाथ सिंह ने सीएम योगी को सराहा, बोले- गुंडाराज से डिफेंस हब तक योगी सरकार में निवेशकों का बढ़ा भरोसा

Lucknow News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई, बोले— योगी सरकार ने यूपी को निवेश और आत्मनिर्भरता का गढ़ बना दिया है।

Newstrack          -         Network
Published on: 18 Oct 2025 3:56 PM IST (Updated on: 18 Oct 2025 3:57 PM IST)
Rajnath Singh appreciates CM Yogi, says- investors have more confidence in government
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 राजनाथ सिंह ने CM योगी को सराहा, बोले- सरकार में निवेशकों का बढ़ा भरोसा (Photo- Newstrack)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थानीय इकाई से निर्मित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि धनतेरस के शुभ अवसर पर चार मिसाइलों की डिलीवरी के साथ भारत की रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाला यह कदम न केवल सैन्य सफलता का, बल्कि आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन का भी प्रतीक है। उन्होंने ब्रह्मोस को 'भारत की बढ़ती स्वदेशी ताकत का प्रतीक' बताते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अब उसकी एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच में है।


लोकार्पण से डिलीवरी तक पांच महीनों की तेज रफ्तार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत गौरव और हर्ष का विषय है कि आज लखनऊ में ब्रह्मोस की स्टेट-ऑफ-द-आर्ट बूस्टर बिल्डिंग का लोकार्पण हो रहा है। अभी थोड़ी ही देर पहले इसी प्रांगण में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण करने का भी मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। रुद्राक्ष को तो हम रूद्र, यानी भगवान महादेव का अंश मानते हैं। मेरी महादेव से यही प्रार्थना है कि उनका आशीर्वाद इस अत्याधुनिक सुविधा पर और हम सभी देशवासियों पर सदा बना रहे।


उन्होंने लखनऊ की जनता को बधाई देते हुए कहा कि लखनऊ मेरे लिए केवल संसदीय क्षेत्र नहीं, बल्कि मेरी आत्मा में बसने वाला शहर है। राज्य और राजधानी के तीव्र विकास को देखकर जो संतोष और गर्व की अनुभूति होती है, वह आज इस रक्षा क्षेत्र से जुड़ी उपलब्धि के कारण और भी गहरी हो गई है।


पांच महीनों की तेज रफ्तार

राजनाथ सिंह ने कहा कि 11 मई 2025 को इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन हुआ था और मात्र पांच महीनों में ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप तैयार होकर डिलीवर हो रही है। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि जिस गति और दक्षता से यह कार्य पूरा हुआ है, वह केवल रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि लखनऊ और उत्तर प्रदेश की विश्वसनीयता का भी प्रमाण है। आज ब्रह्मोस की विश्वसनीयता के साथ-साथ लखनऊ की पहचान भी और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग और समर्थन दिया।


पीक टाइम में सैकड़ों रोजगार देगी यूनिट

उन्होंने कहा कि यह सुविधा करीब 200 एकड़ में फैली हुई है और लगभग 380 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है। पीक टाइम पर सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि अनुमान है कि यहां से प्रतिवर्ष लगभग 100 मिसाइल सिस्टम थलसेना, वायुसेना और नौसेना को उपलब्ध कराए जाएंगे। अगले वित्तीय वर्ष में इस इकाई का टर्नओवर 3,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा, जो 500 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व उत्पन्न करेगा।


ब्रह्मोस स्वदेशी शक्ति का प्रतीक

रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती स्वदेशी ताकत का प्रतीक है। यह परंपरागत वॉरहेड, उन्नत गाइडेड सिस्टम और सुपरसोनिक गति के साथ लंबी दूरी तक सटीक प्रहार करने में सक्षम है। गति, सटीकता और शक्ति का यह अनूठा संयोजन ब्रह्मोस को विश्व की सर्वश्रेष्ठ मिसाइल प्रणालियों में शुमार करता है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि ब्रह्मोस आज भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों की रीढ़ बन चुका है।


ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस के प्रति पैदा किया विश्वास

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि आज का अवसर केवल एक लॉन्चिंग इवेंट नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देने वाला क्षण है कि भारत अपने सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखता है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने न केवल अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित की, बल्कि यह भी दिखाया कि यह भारत की सुरक्षा का सबसे बड़ा व्यावहारिक प्रमाण है। इस ऑपरेशन ने सिद्ध किया कि जीत अब हमारे लिए कोई घटना नहीं, बल्कि हमारी आदत बन चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का जो प्रैक्टिकल प्रदर्शन हुआ है, उसने न केवल देशवासियों बल्कि पूरी दुनिया में ब्रह्मोस के प्रति एक गहरा विश्वास और आत्मविश्वास पैदा किया है।


ट्रेलर था ऑपरेशन सिंदूर, पिक्चर अभी बाकी है

संबोधन का सबसे कड़ा हिस्सा पाकिस्तान को संबोधित करते हुए आया, जहां रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच में है। ऑपरेशन सिंदूर इसका ट्रेलर था, जिसने पाकिस्तान को अहसास दिला दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है तो समय आने पर वह...इसके आगे मुझे बोलने की जरूरत नहीं...आप सब समझदार हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता ने ब्रह्मोस को वैश्विक स्तर पर साबित कर दिया। देश को यह विश्वास हो गया है कि हमारे विरोधी अब ब्रह्मोस की मारक क्षमता से नहीं बच सकते। हमें संकल्प लेना होगा कि इस आदत को न केवल बनाए रखना है, बल्कि इसे और मजबूत करना है।"


गुंडाराज से डिफेंस हब तक बदला उत्तर प्रदेश

रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश के बदलते स्वरूप पर जोर देते हुए कहा कि मैं यहां सिर्फ रक्षा सेक्टर की ही बात नहीं कर रहा। मैं उस बड़े परिवर्तन की भी बात करना चाहता हूं जो उत्तर प्रदेश में हो रहा है। हम सब जानते हैं कि कभी उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज और बिगड़े हुए लॉ एंड ऑर्डर से की जाती थी। लोग डर के माहौल में रहते थे और निवेशक यहां आने से कतराते थे। पर आज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह स्थिति बदल चुकी है। उनके दृढ़ नेतृत्व और नीतिगत निर्णयों ने प्रदेश में विश्वास लौटाया है।


लखनऊ सिर्फ तहजीब नहीं, अब तकनीक का भी शहर

उन्होंने लखनऊ को तहजीब का शहर बताते हुए कहा कि लखनऊ अब केवल तहजीब का शहर नहीं रहा, बल्कि टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रीज का केंद्र बन चुका है। रक्षा निर्माण के क्षेत्र में लखनऊ अब देश के मानचित्र पर एक प्रमुख हब के रूप में स्थापित हो गया है। यहां से उठाया गया हर कदम भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।


छोटे उद्योगों को भी करना होगा सपोर्ट

राजनाथ सिंह ने स्थानीय उद्योगों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने करहा कि यह आवश्यक है कि बड़ी फैसिलिटीज़ के साथ-साथ स्थानीय और छोटे-स्तरीय उद्योगों को भी विकसित किया जाए। उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर तब ही पूरी तरह सफल होगा, जब बड़ी कंपनियों के साथ-साथ छोटी और मध्यम उद्योग इकाइयां भी इसमें जुड़ेंगी।


धनतेरस पर 'धन' की बौछार

धनतेरस के संयोग पर रक्षा मंत्री ने हास्य का पुट देते हुए कहा कि एक दिलचस्प संयोग यह भी है कि आज हम सब धनतेरस का पर्व मना रहे हैं और इसी शुभ दिन पर चार ब्रह्मोस मिसाइलों की डिलीवरी भी हो रही है। सोचिए, इससे बड़ा धनतेरस देश के लिए और क्या हो सकता है! एक तरह से हम कह सकते हैं कि आज लक्ष्मी जी की कृपा न केवल सुरक्षा क्षेत्र पर, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी समान रूप से बरस रही है। उन्होंने इसके आर्थिक प्रभाव पर कहा कि इसका सीधा अर्थ यह है कि हर एक मिसाइल न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। सरल शब्दों में कहें तो एक मिसाइल के प्रोडक्शन से मिलने वाले टैक्स से सरकार कई स्कूल बना सकती है, कई अस्पताल स्थापित कर सकती है और ऐसी योजनाएं चला सकती है जो सीधे आम नागरिक के जीवन को बेहतर बनाती हैं। यानी, ब्रह्मोस सिर्फ एक हथियार नहीं है, यह हमारे बच्चों के लिए शिक्षा का साधन, हमारे परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का आधार और पूरे समाज के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने वाला माध्यम है।


वैश्विक पटल पर भारत अब टेकर से गिवर की भूमिका में पहुंचा

रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस के निर्यात पर कहा कि आप सब जानते हैं कि फिलीपींस के साथ भारत ने ब्रह्मोस एक्सपोर्ट का अनुबंध किया है। यह केवल शुरुआत है। आने वाले समय में और भी देश भारत के साथ सहयोग करेंगे। भारत अब सिर्फ टेकर (Taker) नहीं, बल्कि गिवर (Giver) की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक माह में ब्रह्मोस टीम ने दो देशों के साथ लगभग 4,000 करोड़ रुपए के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जिस यात्रा की शुरुआत हुई थी, आज वही यात्रा 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

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