फर्जी आधार बनवाकर रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को भारत में नई पहचान दिलाने वाले 2 आरोपी चढ़े यूपी ATS के हत्थे, कल 8 हुए थे गिरफ्तार

UP News: यूपी एटीएस ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को नई पहचान दिलाने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया। एक दिन पहले आठ अभियुक्त पकड़े गए थे। छापेमारी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण मिले। जांच जारी है और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश हो रही है।

Hemendra Tripathi
Published on: 22 Aug 2025 8:29 PM IST
Lucknow news
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UP ATS Arrests Two More in Fake Aadhaar Racket Helping Rohingya and Bangladeshi Nationals Get Indian IDs

UP News: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का मुद्दा जैसे-जैसे तूल पकड़ता जा रहा है, वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश सरकार के साथ यूपी ATS की टीम भी ऐसे मामलों को गंभीरता से लेती हुई नजर आ रही है। बीते गुरुवार को यूपी एटीएस की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ शातिर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की थी, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराते थे। यूपी एटीएस की टीम की ओर से तेजी से हो रही इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के बीच शुक्रवार को टीम ने आधार कार्ड फर्जीवाड़े के मामले में दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। यूपी एटीएस की टीम के हत्थे चढ़े दोनों आरोपियों में सहारनपुर के अक्षय सैनी और तालिब अंसारी का नाम शामिल है।

1 दिन पहले 8 लोग हुए थे गिरफ्तार, फर्जी पहचान पत्र दिलाकर बनाते थे वैध पहचान

सियासत को हमेशा हवा देने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के मामले के बीच यूपी ATS ने बीते गुरुवार को एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराकर उनकी पहचान वैध बना रहा था। यूपी ATS के इस ऑपरेशन में गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ATS की टीम इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही थी, जिसके बाद शुक्रवार को भी 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गैंग के सरगना समेत 8 लोग हुए थे गिरफ्तार, भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड हुए थे बरामद

यूपी एटीएस ने छापेमारी के दौरान गुरुवार को आजमगढ़ के रहने वाले मोहम्मद नसीम और मोहम्मद शाकिब, मऊ जिले के रहने वाले हिमांशु राय और मृत्युंजय गुप्ता, गाजियाबाद के रहने वाले सलमान अंसारी, औरैया जिले के गौरव कुमार गौतम, गोरखपुर के राजीव तिवारी और आजमगढ़ के विशाल कुमार को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के दौरान उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, प्रमाण पत्र, लैपटॉप, मोबाइल फोन और फिंगर स्कैनर शामिल थे। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क विभिन्न राज्यों में सक्रिय था और लंबे समय से विदेशी नागरिकों को भारतीय पहचान दिला रहा था।

कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, VPN और रिमोट सिस्टम से चलता था ऑपरेशन

यूपी ATS की जांच में सामने आया था कि गिरोह का नेटवर्क यूपी के आज़मगढ़, गोरखपुर, मऊ, सहारनपुर, औरैया, गाजियाबाद के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-एनसीआर तक फैला हुआ था। गिरफ्तार हुआ गैंग जन सेवा केंद्र की आड़ में VPN और रिमोट एक्सेस सिस्टम के जरिए आधार पोर्टल पर एंट्री करते और फिर दस्तावेज तैयार करते थे। जांच में सामने आया था कि गैंग यह काम इतनी सटीकता से करता था कि नकली और असली दस्तावेजों में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता।

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