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UP News: मोटी रकम लेकर रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को दे रहे थे भारतीय पहचान! यूपी ATS ने पकड़ा फर्जी आधार गिरोह, 8 गिरफ्तार
UP News: यूपी ATS ने गुरुवार को एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध करा रहा था। एटीएस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, प्रमाण पत्र और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए। पुलिस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
UP ATS Busts Fake Aadhaar Racket 8 Arrested for Providing Indian IDs to Rohingyas and Bangladeshi
UP News: उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का मुद्दा हमेशा गर्म रहा है। ऐसे में हमेशा ये सवाल उठता था कि आखिर ये किस आधार पर भारत में अवैध रूप से रहते हैं। सियासत को हमेशा हवा देने वाले इन्हीं मुद्दों के बीच यूपी ATS ने गुरुवार को एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया, जो रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराकर उनकी पहचान वैध बना रहा था। यूपी ATS के इस ऑपरेशन में गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया। ATS की टीम अब पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है।
फर्जी पहचान दिलाकर चल रहा था बड़ा खेल, मोटी रकम वसूलता था गैंग
यूपी ATS की जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह विदेशी नागरिकों को पहले जन्म प्रमाण पत्र व निवास प्रमाण पत्र के साथ साथ शपथ पत्र जैसे फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता था और फिर इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड और फिर पासपोर्ट बनवाए जाते थे। जानकारी के मुताबिक, इसके बदले शातिर गिरोह नई पहचान पाने वाले विदेशी नागरिकों से मोटी रकम वसूलता था। बताया जाता है कि इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल न केवल भारत में वैध पहचान के लिए बल्कि सरकारी योजनाओं का अवैध रूप से लाभ उठाने के लिए भी किया जा रहा था।
गैंग के सरगना समेत 8 हुए गिरफ्तार, भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड बरामद
यूपी एटीएस ने छापेमारी के दौरान आजमगढ़ के रहने वाले मोहम्मद नसीम और मोहम्मद शाकिब, मऊ जिले के रहने वाले हिमांशु राय और मृत्युंजय गुप्ता, गाजियाबाद के रहने वाले सलमान अंसारी, औरैया जिले के गौरव कुमार गौतम, गोरखपुर के राजीव तिवारी और आजमगढ़ के विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, प्रमाण पत्र, लैपटॉप, मोबाइल फोन और फिंगर स्कैनर शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क विभिन्न राज्यों में सक्रिय था और लंबे समय से विदेशी नागरिकों को भारतीय पहचान दिला रहा था।
कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, VPN और रिमोट सिस्टम से चलता था ऑपरेशन
यूपी ATS की जांच में सामने आया कि गिरोह का नेटवर्क यूपी के आज़मगढ़, गोरखपुर, मऊ, सहारनपुर, औरैया, गाजियाबाद के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-एनसीआर तक फैला हुआ था। गिरफ्तार हुआ गैंग जन सेवा केंद्र की आड़ में VPN और रिमोट एक्सेस सिस्टम के जरिए आधार पोर्टल पर एंट्री करते और फिर दस्तावेज तैयार करते थे। जांच में सामने आया है कि गैंग यह काम इतनी सटीकता से करता था कि नकली और असली दस्तावेजों में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता। गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के एटीएस थाना में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान हो सके और फर्जी पहचान पाने वाले विदेशी नागरिकों को भी पकड़ा जा सके।
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