यूपी में गरमाई सियासत! विधायक केतकी सिंह को सपा की अधिवक्ता सभा का नोटिस, लगाए ये गंभीर आरोप

यूपी में केतकी सिंह की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं, आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद सपा ने लीगल नोटिस भेजा है। 15 दिन के अंदर माफ़ी मांगने को कहा...

Priya Singh Bisen
Published on: 5 Sept 2025 2:01 PM IST
Notice of SPs Advocate Sabha to MLA Ketki Singh
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Notice of SP's Advocate Sabha to MLA Ketki Singh (PHOTO: social media)

Uttar Pradesh Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। बलिया के बांसडीह से बीजेपी विधायक केतकी सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) की अधिवक्ता सभा ने उनके हालिया बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। सपा की अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एडवोकेट कृष्ण कन्हैया पाल की तरफ से मानहानि के आरोप में नोटिस भेजी गई है।

नोटिस में लिखा है कि 3.9.2025 को, दिन में करीब 1:30 बजे के आसपास, जब मैं अपने मित्रों और सहकर्मियों के साथ अपने कक्ष में बैठकर यूट्यूब देख रहा था, तभी मुझे एक वीडियो दिखाई दिया जिसमें आप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहीं थीं। उस कॉन्फ्रेंस के वक़्त, एक पत्रकार द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, आपने बेहद आपत्तिजनक उत्तर दिया।

क्या है पूरा मामला?

3 सितंबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकार ने केतकी सिंह से अखिलेश यादव के बिहार चुनाव प्रचार को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि "पहले उत्तर प्रदेश की जनता को वो टोटियां वापस कर दीजिए जो आप मुख्यमंत्री आवास खाली करते वक़्त ले गए थे।" इस बयान के बाद राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया। अधिवक्ता सभा का आरोप है कि विधायक ने जानबूझकर अखिलेश यादव की छवि खराब करने की नीयत से यह आपत्तिजनक बयान दिया।

नोटिस में क्या कहा गया?

नोटिस में स्पष्ट लिखा गया है कि केतकी सिंह ने अखिलेश यादव और सपा पार्टी पर "टोटियों की चोरी" का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया है। यह बयान न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि टीवी चैनलों के माध्यम से देश और विदेश तक प्रसारित हुआ, जिससे अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।

मांगी गई है माफी और हर्जाना

नोटिस में विधायक से मांग की गई है कि वे अखिलेश यादव और सपा के प्रति बिना शर्त माफी मांगें और इसे राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करें। अगर ऐसा 15 दिनों के अंदर नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा और कम से कम 5 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा जाएगा।

इस विवाद के बाद अब सबकी निगाहें विधायक केतकी सिंह के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। क्या वे सार्वजनिक माफी मांगेंगी या फिर यह विवाद कानूनी लड़ाई तक पहुंचेगा, यह आने वाला वक्त बताएगा।

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