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UP Power Workers Protest: वेतन रुका, ट्रांसफर और निजीकरण से बिजली कर्मियों में गुस्सा, आंदोलन जारी
UP Power Workers: 276वें दिन भी यूपी के बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन, उत्पीड़न खत्म करने की मांग
UP Power Workers Protest (image from Social Media)
UP Power Workers Protest: उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां समाप्त न होने से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा: कई हजार बिजली कर्मियों का तीन माह से रुका वेतन जारी किया जाय : निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में आन्दोलन जारी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने कहा कि निजीकरण किये जाने हेतु बिजली कर्मचारियों पर बड़े पैमाने पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के वापस न लिये जाने से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। संघर्ष समिति ने कहा कि कई हजार बिजली कर्मियों को 3 माह से वेतन नहीं दिया गया है जो पूरी तरह अमानवीय है। यह बिजली कर्मी तीन माह से वेतन न मिलने पर भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं फिर भी उन्हें वेतन न देना उत्पीड़न की पराकाष्ठा है।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 276 वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रांत भर में सभी जनपदों को परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि फेसियल अटेंडेंस के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों को जून और जुलाई माह का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। अगस्त का महीना भी समाप्त हो रहा है और यदि इन बिजली कर्मचारियों को लगातार तीन माह तक वेतन नहीं दिया जाता तो यह बहुत ही गंभीर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही है और पूरी तरह अमानवीय है।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के नाम पर मई के महीने में अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छटनी की गई थी। कई हजार संविदा कर्मी 55 वर्ष की आयु के नाम पर निकाले गए और कई हजार संविदा कर्मियों को डाउन साइजिंग करके हटा दिया गया। ध्यान रहे की संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाए जाने से विभिन्न जनपदों में प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
उत्पीड़न के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों को मा सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन के विपरीत दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया। यहां तक कि महिला कर्मियों को मात्र इसलिए दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया कि वे संघर्ष समिति की कार्यालय समय के उपरान्त होने वाली मीटिंगों में आ रही थीं।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के बाद निजी घरानों की सहूलियत के लिए बिजली कर्मचारियों को मिल रही रियायती बिजली सुविधा समाप्त करने हेतु बिजली कर्मियों के और पेंशनरों के निवास पर जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
संघर्ष मित्र कहा कि विगत 9 माह से निजीकरण के विरोध में चल रहे बिजली कर्मियों के आंदोलन से खीझा हुआ प्रबंधन बड़े पैमाने पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां कर दमन पर उतर आया है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं होती।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 276 वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।
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