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बिजली निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में कर्मचारियों का प्रदर्शन, बिजलीकर्मियों ने लगाया बड़े घोटाले का आरोप
Electricity Privatization: बिजलीकर्मियों ने निजीकरण और उत्पीड़न के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया। लखनऊ और अन्य जनपदों और परियोजनाओं में विरोध सभाएं आयोजित हुई। इस प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया में बड़ा घोटाला करने की तैयारी है।
Electricity privatization Uttar Prades (Photo: Social Media)
Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बुधवार को प्रदेशभर में बिजलीकर्मियों ने निजीकरण और उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। लखनऊ और अन्य जनपदों और परियोजनाओं में विरोध सभाएं आयोजित हुई है। इस प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया में बड़ा घोटाला हो रहा है। इसे जबरन थोपने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान प्रदर्शनकारी कर्माचारियों ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित किए।
कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाना लक्ष्य
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की योजना पूर्व निर्धारित कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए है। जहां ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2020 को आधार माना गया था, वहीं अचानक ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 लाकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस नए ड्राफ्ट में निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कई प्रावधानों को बेहद शिथिल कर दिया गया है।
ग्रान्ट थॉर्टन नामक ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट द्वारा तैयार किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को विद्युत नियामक आयोग के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया, लेकिन आयोग ने उस पर आपत्ति जताते हुए दस्तावेज लौटा दिया। संघर्ष समिति ने दावा किया कि इस दस्तावेज़ पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने भी आपत्ति दर्ज की है।
ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 कहा
संघर्ष समिति ने सवाल उठाया कि ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 न तो भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी किया गया है और न ही राज्यों के ऊर्जा निगमों को सर्कुलेट किया गया है। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध न होने के चलते आपत्तियां आमंत्रित नहीं की गईं, जो पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की पूरी प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।
इस अवसर पर राजधानी लखनऊ में हाईडिल फील्ड हॉस्टल में आयोजित सभा में बिजलीकर्मियों ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर संकल्प लिया कि जनता के पैसों से बनी सार्वजनिक परिसंपत्तियों को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे।
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