लखनऊ में कल नहीं रहेंगी बिजली? बिजली निजीकरण के विरोध में 9 जुलाई को देशभर में कर्मचाररियों का विरोध प्रदर्शन

Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी देकर बताया कि सभी बिजलीकर्मी, संविदा कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता पूरे दिन कार्यस्थलों से बाहर आकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह हड़ताल केंद्र और राज्य सरकारों की निजीकरण की नीतियों के विरोध में की जा रही है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 8 July 2025 7:17 PM IST (Updated on: 8 July 2025 7:26 PM IST)
Protest against electricity privatization
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Protest against electricity privatization (Photo: Social Media)

Electricity Privatization: देशभर के कर्मचारियों ने बिजली निजीकरण के खिलाफ 9 जुलाई को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में लगभग 27 लाख बिजली कर्मचारी शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश में आंदोलन को लेकर विशेष तैयारी की गई है।

कार्यस्थलों से बाहर आकर विरोध प्रदर्शन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी देकर बताया कि सभी बिजलीकर्मी, संविदा कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता पूरे दिन कार्यस्थलों से बाहर आकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह हड़ताल केंद्र और राज्य सरकारों की निजीकरण की नीतियों के विरोध में की जा रही है। बिजली क्षेत्र ही नहीं, बल्कि रेल, बैंक, बीमा, बीएसएनएल, पोस्टल, केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों से लेकर निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी विरोध में शामिल होंगे। इस हड़ताल में देश में करीब 25 करोड़ कर्मचारी और मजदूर भाग लेंगे।

विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण

भारत सरकार से मांग की गई कि वह हस्तक्षेप कर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला तुरंत वापस करवाएं। यह मांग देश की दस प्रमुख ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मांगपत्र में भी प्रमुखता से रखी गई है। संघर्ष समिति के अनुसार मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के जनपदों और परियोजनाओं में विरोध प्रदर्शन होंगे। कार्यालयों और विद्युत उपकेंद्रों पर जाकर कर्मचारियों को जागरूक किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान न हो कोई परेशानी

समिति ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सभी जनपदों में विशेष टीमें गठित की गई हैं। राजधानी लखनऊ में विरोध का मुख्य केंद्र शक्ति भवन रहेगा। यहां मध्यांचल, लेसा, ट्रांसमिशन, एसएलडीसी, ईटीआई, उत्पादन निगम समेत सभी विभागों के बिजली कर्मचारी शामिल होंगे और पूरे दिन प्रदर्शन करेंगे। संघर्ष समिति ने दावा किया कि यह प्रदर्शन सिर्फ उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि पूरे देश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ एक मजबूत जनआंदोलन का स्वरूप ले रहा है।

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