Lucknow News: SC/ST आयोग तक पहुंचा बाबा साहेब के अपमान से शुरू हुआ पोस्टर वॉर! अध्यक्ष ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर FIR दर्ज करने का दिया आदेश

Lucknow News: आयोग के अध्यक्ष ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले को गंभीरता से लेते हुए बाबा साहब का अपमान करने वाले दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

Hemendra Tripathi
Published on: 1 May 2025 7:37 PM IST (Updated on: 1 May 2025 7:48 PM IST)
Lucknow News
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Uttar Pradesh SC ST commission wrote letter to police commissioner of lucknow ordered register an FIR on insult of Baba Saheb  

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में बाबा साहब आंबेडकर और सपा अध्यक्ष अखिलेश की आधी आधी तस्वीर के साथ वायरल हुए एक पोस्टर ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी। इसी हलचल के बीच सपा और भाजपा के लोगों में सियासी पोस्टर वॉर भी शुरू हो गया। गुरुवार को बाबा साहब के अपमान से शुरू हुआ ये पोस्टर वॉर अब उत्तर प्रदेश SC/ST आयोग तक पहुंच गया है। आयोग के अध्यक्ष ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले को गंभीरता से लेते हुए बाबा साहब का अपमान करने वाले दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही आयोग की ओर से एक माह तक का अल्टिमेटल देते हुए आख्या उपलब्ध कराने की बात कही है।


आयोग के अध्यक्ष ने पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र, बताया- 'ये पार्टी विशेष की साजिश

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि सोशल मीडिया पर समाजवादी लोहिया वाहिनी का एक पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसमें भारत रत्न डॉ० बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर जी के चित्र को खंडित करते हुए उसके आधे भाग को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चित्र के साथ प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये हरकत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज का न केवल अपमान है, बल्कि बाबा साहेब जैसे महामानव की भी जानबूझकर अपमानित करने की पार्टी विशेष की साजिश है।

अध्यक्ष ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि इस मामले का गंभीरता से लेकर पुलिस आयुक्त लखनऊ को आयोग आदेशित करता है कि मामले की गम्भीरता से जांच करके दोषियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही जांच की आख्या ठीक 1 माह बाद यानी 5 मई की दोपहर साढ़े 11 बजे तक अपने नामित प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग को उपलब्ध कराया जाए।


सपा कार्यालय के बाहर लगी होर्डिंग से शुरू हुआ सारा विवाद

आपको बता दें कि बाबा साहब के अपमान से शुरू हुआ ये सारा विवाद लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर लगी एक होर्डिंग से शुरू हुआ, इस होर्डिंग में अंबेडकर की आधी तस्वीर हटाकर उसी स्थान पर अखिलेश यादव की तस्वीर जोड़ी गई थी। बता दें कि यह पोस्टर सपा लोहिया वाहिनी के पदाधिकारियों की ओर से जारी किया गया था, जिन्होंने अखिलेश को यह चित्र भेंट भी किया था। इस मामले में भाजपा की ओर से 1 दिन पहले ही सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए समाजवादी पार्टी पर बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया था।

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