Lucknow News: बंधुआ मजदूरी के खिलाफ योगी सरकार ने कसी कमर: 2027 तक यूपी को बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प, इतने बाल श्रमिकों की हुई पहचान

Lucknow News: योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है।

Virat Sharma
Published on: 19 May 2025 1:56 PM IST
Lucknow News: बंधुआ मजदूरी के खिलाफ योगी सरकार ने कसी कमर: 2027 तक यूपी को बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प, इतने बाल श्रमिकों की हुई पहचान
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Lucknow Today News

Lucknow Today News: सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वासन तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके।

गौरतलब है कि यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंच चुका है, जहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरुकता अभियान को धार दी जाएगी।

अब तक कितने बाल श्रमिकों की हो चुकी है

योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वासन कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। यही नहीं, इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वासन के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं।

यही नहीं योगी सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत 2,000 कामकाजी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है।

बंधुआ मजदूरी के खिलाफ सख्त योगी सरकार

इसके अलावा, बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वासन कर उन्हें 1,817.21 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।

श्रमिकों के लिए 8 कल्याणकारी योजनाएं हो रही हैं संचालित

श्रम कल्याण परिषद के माध्यम से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 8 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनके संचालन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये की कॉर्पस निधि उपलब्ध कराई है। वर्ष 2024-25 में अब तक 309 श्रमिकों को 1.32 करोड़ रुपये की सहायता देकर राहत पहुंचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि बचपन से बड़ा कोई भविष्य नहीं होता, और बच्चों से बड़ा कोई निवेश नहीं। इसी सोच के तहत सरकार प्रदेश के हर बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान की दिशा में अग्रसर कर रही है।

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Shalini singh

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