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Maharajganj News: श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के बीच संपन्न हुआ आस्था का महापर्व छठ पूजा
Maharajganj News: महराजगंज में छठ पूजा 2025 का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हुआ, श्रद्धा और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुआ महापर्व
श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के बीच संपन्न हुआ आस्था का महापर्व छठ पूजा (photo: social media )
Maharajganj News: लोक आस्था, पवित्रता और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा का सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। घुघली नगर के बैकुंठ घाट सहित पूरे जनपद के प्रमुख घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। व्रतियों ने पूरे विधि-विधान के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना की।
इस दौरान "उगहे सूरज देव भेल भिनसरवा, अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो, केरवा जे फरे ला घवद से...,कांच ही बांस की बहंगिया बहंगी लचकत जाए..., आदि छठ गीत तड़के शहर में गूंजने लगे। शहर के बलिया घाट,घुघली के बैकुंठ घाट, त्रिमुहानी घाट व राप्ती नदी सहित जनपद के कोने - कोने में तड़के 3 बजे ही श्रद्धालुओं की आवाजाही से सड़कें गुलजार हो गईं।
चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का आज अंतिम दिन रहा। सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देने के बाद मंगलवार को व्रतियों ने उगते सूर्य को दूसरा और अंतिम अर्घ्य दिया। इस दौरान घाटों पर “छठ मैया के गीतों” की गूंज, लोक संगीत और ढोलक की थाप से वातावरण भक्तिमय बना रहा। महिलाओं ने अपने पुत्रों और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा किया।
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी
पूरे पर्व के दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। महराजगंज पुलिस अलर्ट मोड पर रही, घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की गई और भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई। सभी प्रमुख घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर रही जिससे पर्व सकुशल संपन्न हो सका।
भोर में जब सूर्य की पहली किरण जल पर पड़ी, तो श्रद्धालुओं ने दोनों हाथ जोड़कर अर्घ्य दिया और अपने व्रत का समापन किया। सूर्य उपासना का यह महापर्व श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के साथ शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। प्रशासन व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली और व्रतियों ने कृतज्ञता भाव से छठ माता का प्रार्थना किया।
1.व्रती मीरा देवी ने मुस्कुराते हुए कहा,“छठ मइया के बिना हमारा कोई काम नहीं होता। साल भर इसी दिन का इंतजार रहता है। इस पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है, बच्चों की तरक्की होती है। चाहे कितनी भी थकान हो, जब अर्घ्य देते हैं तो सारी थकान मिट जाती है, सिर्फ शांति और संतोष की अनुभूति होती है,बस यही हमारी सच्ची भक्ति है।”
2. व्रती संगीता गुप्ता ने भावुक होकर कहा “हम बचपन से अपनी मां और दादी को यह व्रत करते देखते आए हैं। अब यह हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। छठ पूजा केवल व्रत नहीं, बल्कि मां और सूर्य देवता के प्रति हमारी अटूट आस्था का प्रतीक है। जब पूरा परिवार घाट पर इकट्ठा होता है, तो लगता है जैसे पूरा संसार एक साथ छठ मइया की गोद में है।”
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