Mainpuri News: 13 साल बाद मिला इंसाफ: मैनपुरी दुष्कर्म कांड में मुख्य आरोपी को 10 साल की सजा

Mainpuri News: मैनपुरी के चर्चित 2012 नाबालिग दुष्कर्म मामले में 13 साल बाद कोर्ट का फैसला आया। मुख्य आरोपी संजीव तिवारी को 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।

Ashraf Ansari
Published on: 12 Sept 2025 8:28 PM IST
Mainpuri News: 13 साल बाद मिला इंसाफ: मैनपुरी दुष्कर्म कांड में मुख्य आरोपी को 10 साल की सजा
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Mainpuri News: मैनपुरी जिले के बेवर थाना क्षेत्र में वर्ष 2012 में घटित नाबालिग दुष्कर्म कांड पर आखिरकार 13 साल बाद कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए अपना फैसला सुना दिया। स्पेशल पॉक्सो (POCSO) कोर्ट ने इस चर्चित मामले में मुख्य आरोपी संजीव तिवारी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं, सबूतों के अभाव में अन्य दो आरोपी अंकुर पाठक और सुनील कुमार को बरी कर दिया गया। इस फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने अदालत के निर्णय पर संतोष जताया है।

मामला वर्ष 2012 का है। बेवर थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। पीड़िता के पिता ने घटना के बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में तीन लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी और मामला स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में चला।लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता, चिकित्सक और अन्य गवाहों ने अदालत में गवाही दी। पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट को अदालत ने महत्वपूर्ण मानते हुए इसे मुख्य साक्ष्य माना। अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने संजीव तिवारी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए हैं, जबकि अन्य दो आरोपियों के खिलाफ ठोस प्रमाण न होने के चलते उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया।

स्पेशल जज ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग से दुष्कर्म एक गंभीर अपराध है और समाज पर इसका गहरा असर पड़ता है। ऐसे अपराधियों को सजा देना आवश्यक है, ताकि समाज में भय और न्याय की भावना बनी रहे। कोर्ट ने दोषी संजीव तिवारी को 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।अभियोजन पक्ष की पैरवी एडीजीसी विपिन कुमार चतुर्वेदी ने की। उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि दोषी के अपराध को गवाहों और सबूतों से साबित किया जा चुका है और उसे सजा मिलनी चाहिए। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए दोषी को जेल भेज दिया।

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