TRENDING TAGS :
Mathura Krishna Janmashtami 2025: मथुरा गर्भगृह के अलौकिक दर्शन
Mathura Krishna Janmashtami 2025:
मथुरा नगरी को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि कहा जाता है और यह नगरी तीनों लोकों में अपनी भक्ति, आस्था और अध्यात्म के लिए अद्वितीय है। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मथुरा का माहौल ऐसा होता है मानो हर गली, हर मंदिर, हर कोना श्रीकृष्ण के नाम से गूंज रहा हो।
गर्भगृह के अलौकिक दर्शन
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में स्थित गर्भगृह वह पवित्र स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। मान्यता है कि इसी स्थान पर माता देवकी और वसुदेव को कंस ने बंदी बना रखा था। जैसे ही मध्यरात्रि में भगवान का जन्म हुआ, जेल के ताले अपने आप खुल गए और पहरेदार नींद में सो गए। यह क्षण आज भी श्रद्धालुओं की भक्ति का सबसे बड़ा केंद्र है।
गर्भगृह के दर्शन करने वाले श्रद्धालु कहते हैं कि वहां पहुँचकर वे अपने आप को भूल जाते हैं और केवल भक्ति व आनंद में डूब जाते हैं। मंदिर के भीतर हर ओर “जय श्रीकृष्ण” के जयकारे गूंजते हैं और वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
जन्म से पूर्व का अद्भुत नजारा
श्रद्धालुओं का मानना है कि जन्माष्टमी की रात वह दृश्य देखने को मिलता है जो आज तक कहीं और नहीं देखा गया। महा आरती और अभिषेक के समय गर्भगृह में भक्ति की ऐसी धारा बहती है कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है।
कामधेनु गाय के दूध और पंचद्रव्य से ठाकुर जी का महाभिषेक होता है।
ढोल-नगाड़ों, डमरू और झांझ की गूंज से वातावरण पवित्र और ऊर्जावान हो जाता है।
हर श्रद्धालु की आंखें केवल नटखट बंसी वाले गोकुल के राजा के बाल रूप के दर्शन की प्रतीक्षा में होती हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति
देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी बनने के लिए मथुरा आते हैं। लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर वे आरती और दर्शन करते हैं और अपने जीवन को सफल मानते हैं। जन्म के कुछ ही क्षण पहले पूरा मंदिर भक्ति, भजन और आनंद से सराबोर हो उठता है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!