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Mathura News: वृंदावन: महिलाओं ने श्री जमुना चालीसा पाठ कर जताया कॉरिडोर और न्यास का विरोध, आंदोलन का 67वां दिन
Mathura News: स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा ओटवानी ने कहा, “यदि कॉरिडोर किसी समाधान का नाम होता तो काशी, उज्जैन और खाटू श्याम में भीड़ नियंत्रित हो गई होती।
Mathura News: कॉरिडोर और न्यास के विरोध में वृंदावन के बृजवासियों का संघर्ष रविवार को 67वें दिन भी जारी रहा। इस बार आंदोलन की अगुवाई स्थानीय महिलाओं ने धार्मिक और आध्यात्मिक अंदाज़ में की। उन्होंने श्री जमुना महारानी को समर्पित 'जमुना चालीसा' का सामूहिक पाठ किया, जिससे वातावरण भक्तिमय और आंदोलनकारी दोनों बन गया।
गोस्वामी समाज समेत कई अन्य समुदायों की महिलाएं इस अनूठे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। मंच से बार-बार गूंजते नारों –"कॉरिडोर बहाना है, मंदिर का पैसा खाना है" और "कॉरिडोर जमुना पार बनाओ" – ने जनाक्रोश को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा ओटवानी ने कहा, “यदि कॉरिडोर किसी समाधान का नाम होता तो काशी, उज्जैन और खाटू श्याम में भीड़ नियंत्रित हो गई होती। यह केवल वीआईपी सुविधा बढ़ाने की योजना है, आम भक्त की नहीं।” उन्होंने मांग की कि यदि सरकार कॉरिडोर बनाना ही चाहती है तो वह जमुना पार बनाया जाए, न कि कुंज गलियों को उजाड़कर।
राखी गोस्वामी ने न्यास को छलावा और कॉरिडोर को अनावश्यक बताते हुए कहा, “हरियाली तीज पर सरकार ने व्यवस्था दी थी, वही प्रतिदिन क्यों नहीं दी जा सकती?” उन्होंने आरोप लगाया कि सुलखान सिंह समिति की रिपोर्ट में साफ-सफाई, अतिक्रमण हटाना, सड़क चौड़ीकरण और ऑनलाइन दर्शन जैसी सिफारिशों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
पिछले 11 वर्षों में वृंदावन की उपेक्षा, बिजली, जल, स्वच्छता जैसे मूलभूत सुविधाओं की कमी, और धार्मिक आस्था पर हमले जैसे मुद्दों पर महिलाओं का यह विरोध आगे भी जारी रहने की संभावना है।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख महिलाएं: नीरू गोस्वामी, प्रीति गोस्वामी, निशा शर्मा, पूनम मिश्र, अदिति गोस्वामी, श्रद्धा खंडेलवाल, राधा मिश्रा, रितिका शर्मा, नीलम गोस्वामी, रानी शर्मा, रेखा अग्रवाल और मनीषा सारस्वत।
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