Meerut News: नमो भारत कॉरिडोर को मिलेगी हरित ऊर्जा की ताकत, UP में NCRTC लगाएगा सौर संयंत्र

Meerut News: मेरठ नमो भारत कॉरिडोर को मिलेगी हरित ऊर्जा की ताकत, एनसीआरटीसी लगाएगा 110 मेगावाट सौर संयंत्र, 70% तक बिजली खपत होगी स्वच्छ ऊर्जा से पूरी।

Sushil Kumar
Published on: 6 Sept 2025 3:59 PM IST
Namo meets India Corridor Strength of green energy, NCRTC to set up solar plant in UP
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नमो भारत कॉरिडोर को मिलेगी हरित ऊर्जा की ताकत, UP में NCRTC लगाएगा सौर संयंत्र (Photo- Newstrack)

Meerut News: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर को हरित ऊर्जा से संचालित करने की दिशा में एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने एक बड़ा कदम उठाया है। निगम ने उत्तर प्रदेश में 110 मेगावाट (एसी) ग्रिड कनेक्टेड सौर पीवी पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस परियोजना से उत्पन्न होने वाली बिजली का इस्तेमाल ट्रेनों के परिचालन, स्टेशनों की खपत और कॉरिडोर की अन्य जरूरतों को पूरा करने में होगा।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य

एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इस संयंत्र से कॉरिडोर की कुल बिजली खपत का 60 प्रतिशत हरित ऊर्जा से पूरा किया जाए। वर्तमान में कॉरिडोर के संचालन व्यय का लगभग 30-35 फीसदी हिस्सा बिजली पर खर्च होता है। इस परियोजना के लागू होने के बाद परिचालन लागत में भारी कमी आने की उम्मीद है।

82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर पहले से ही 15 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सौर संयंत्र लगाने की योजना बनाई गई है। नए 110 मेगावाट संयंत्र के जुड़ने के बाद कुल ऊर्जा आवश्यकता का 70 फीसदी हिस्सा स्वच्छ ऊर्जा से पूरा किया जा सकेगा।

यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अहम साबित होगी। अनुमान है कि इससे हर साल करीब 1,77,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में कमी आएगी। सौर संयंत्र को यूपी पावर ग्रिड से जोड़ा जाएगा, जिससे कॉरिडोर के रिसीविंग सब-स्टेशनों (आरएसएस) को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

केंद्र सरकार के हरित ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप

निविदा प्रक्रिया के जरिए एक योग्य और अनुभवी सौर ऊर्जा डेवलपर का चयन किया जाएगा। यह कदम राष्ट्रीय सौर मिशन और केंद्र सरकार के हरित ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है। परियोजना न केवल कॉरिडोर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण में भी मदद करेगी। जीवाश्म ईंधन से चलने वाले बिजली संयंत्रों की तुलना में यह तकनीक NOx और SO₂ जैसे हानिकारक प्रदूषकों के उत्सर्जन को काफी हद तक कम करेगी।

एनसीआरटीसी का मानना है कि यह पहल आने वाले समय में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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