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Meerut News: सीसीएसयू में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, पत्रकारिता दिवस पर सरदार पटेल की एकात्म दृष्टि और मीडिया की भूमिका पर विमर्श
Meerut News: मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के तिलक पत्रकारिता स्कूल में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। उद्घाटन सत्र में प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने सरदार पटेल की एकता के लिए भूमिका और मीडिया के योगदान पर चर्चा की। कार्यक्रम में 67 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए और सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित हुई।
Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में शुक्रवार से प्रारंभ हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में प्रख्यात चिंतक एवं लेखक प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का जो कार्य किया, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम का आयोजन तिलक पत्रकारिता स्कूल और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। संगोष्ठी का विषय था — “भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की विचारधारा एवं उनकी भूमिका के उत्प्रेरक के रूप में मीडिया की भूमिका”।
प्रो. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर मामले में हस्तक्षेप न किया होता तो सरदार पटेल पाक अधिकृत कश्मीर को भी भारत में सम्मिलित कर लेते। उन्होंने सरदार पटेल की नेतृत्व क्षमता, राष्ट्र के प्रति समर्पण और दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारों को भी इसी भाव के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मेरठ-हापुड़ के पूर्व सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सरदार पटेल देश की जनता की स्वाभाविक पसंद थे और उनके खिलाफ गढ़ा गया नकारात्मक नैरेटिव बदलना होगा। उन्होंने युवाओं से सरदार पटेल का साहित्य पढ़ने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. सत्य प्रकाश गर्ग ने सरदार पटेल को उत्कृष्ट प्रशासक बताते हुए कहा कि वे संविधान सभा के सक्रिय सदस्य रहे और आजाद भारत की प्रशासनिक नींव में उनका विशेष योगदान था।
तकनीकी सत्रों में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए शिक्षकों और शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कुल 67 शोध पत्र प्राप्त हुए और 11 राज्यों से प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। आखिरी सत्र में 'आर्गनाइज़र' के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर कहा कि पटेल ने 1949 में ही नेहरू को चेताया था कि यदि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में गया, तो देश को पछताना पड़ेगा।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी हुआ जिसमें छात्रों ने देशभक्ति गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. दीपिका वर्मा, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव सहित विभागीय शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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