Moradabad: जीएसटी सुधार से छोटे उद्योगों को राहत, निर्यातकों को उम्मीद अधूरी

लघु उद्योग भारती ने प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार, निर्यातकों ने चिंता जताई

Sudhir Goyal
Published on: 4 Sept 2025 8:54 PM IST
Moradabad GST Reforms
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Moradabad GST Reforms ( image from Social Media)

Moradabad: भारत सरकार के द्वारा जीएसटी दरों में सुधार करते हुए किसानों व्यापारियों और आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। ऐसे में लघु उद्योग भारती ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। लघु उद्योग भारती के मुरादाबाद अध्यक्ष रचित अग्रवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए भाषण में जीएसटी सुधार की बात कही गई थी जिसके सापेक्ष 3 सितम्बर को जीएसटी परिषद ने दर संरचना को सरल करके जनता के हित में काम किया है। लघु उद्योग भारती इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करती है। मुरादाबाद में 2700 निर्यातक इकाइयां हैं उन्हें भी सरकार से उम्मीद थी कि निर्यात के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए बड़ी राहत मिल सकेगी जो अभी कहीं भी नजर नहीं आती है। इ

लघु उद्योग भारती के मुरादाबाद अध्यक्ष रचित अग्रवाल का कहना है कि बिना किसी शक के जीएसटी में सुधार डोमेस्टिक मार्केट के लिए भारत में वरदान साबित होगी लेकिन अगर हम इसे निर्यात जगत के नजरिए से देखें तो इसमें निर्यातकों के लिए सरकार से अभी ज्यादा लाभ नहीं मिल सका है। निर्यात जगत में जो कच्चा माल है जैसे लोहा, एल्युमिनियम,पीतल इनके ऊपर जीएसटी 18 प्रतिशत है लेकिन इन धातुओं से निर्मित तैयार माल पर जीएसटी 5 प्रतिशत है। जिसको लेकर निर्यातकों में चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि किसी माल को तैयार करने के लिये हमें कच्चा माल खरीदना होगा जिसके लिए 18 प्रतिशत जीएसटी देनी होगी लेकिन तैयार माल पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी देनी होगी। जिसकी वजह से अब निर्यातकों को माल तैयार कराने के लिए ज्यादा पैसा अदा करना होगा तभी तैयार माल मिल सकेगा। हां ये बात सही है कि जीएसटी का रिटर्न जरूर 7 दिन में मिल सकेगा जिससे निर्यातकों को राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री का जताया आभार, मिल सकेगी छोटे उद्योगों को राहत

लघु उद्योग भारती प्रदेश समिति की ओर से जारी किये गए पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया गया है। उनका कहना है कि लघु उद्योग भारती प्रधानमंत्री का हृदय से स्वागत करती है। 22 सितम्बर 2025 से लागू होने वाले 5% और 18% के कर स्लैब से भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक परिवर्तनकारी बदलाव का संकेत हैं। इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विवेकपूर्ण मार्गदर्शन की सराहना की गई है। लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों का कहना है कि कर दरों को सरल बनाने का यह निर्णय, साथ ही अल्पकालिक राजस्व हानि को वित्त मंत्रालय द्वारा वहन करने की प्रतिबद्धता, आर्थिक विकास, उपभोक्ता कल्याण और राष्ट्रहित के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है। यह सुधार वास्तव में युगांतरकारी है। यह केवल दर संरचना को सरल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए व्यापार सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम है। कार्यशील पूंजी की आवश्यकता में कमी, कच्चे माल की सुलभता और व्यापक बाजार तक पहुंच छोटे उद्योगों को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगी। विशेष रूप से पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, त्वरित रिफंड और अनुपालना बोझ को कम करने पर केंद्रित इस सुधार का स्वागत करते हैं, जो मिलकर भारत के औद्योगिक आधार को सुदृढ़ करेंगे और उद्यमिता तथा नवाचार को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करेंगे। व्यापारियों का कहना है कि हमें विश्वास है कि यह दर संरचना, स्थिरता और स्पष्टता प्रदान करते हुए, वाद-विवाद को कम करेगी, अनुपालन को प्रोत्साहित करेगी तथा उपभोग को बढ़ावा देगी और इस प्रकार समावेशी एवं सुदृढ़ आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। लघु उद्योग भारती भारत सरकार को इस सुधार के सुचारु और समयबद्ध क्रियान्वयन में अपना पूर्ण सहयोग देने का संकल्प लेती है। हमारे सदस्य इकाइयों इस दर सरलीकरण से प्राप्त लाभों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे माननीय प्रधानमंत्री के "आत्मनिर्भर भारत" और "मेक इन इंडिया मूवमेंट" के संकल्प को सशक्त किया जा सके। हम इन सुधारों को राष्ट्र-निर्माण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ और आत्मनिर्भर, प्रगतिशील भारत की दिशा में एक साहसिक कदम मानते हैं, जो कि विकसित भारत बनने की और महत्वपूर्ण कदम है।

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