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छांगुर बाबा का ‘काला’ किला ध्वस्त! अब वसूली की तैयारी, आलीशान कोठी के बाहर नोटिस चस्पा
Changur Baba Case Update: बलरामपुर में बनाये गये उसके काले साम्राज्य के किले को ध्वस्त कर दिया गया है। अब सरकार उसकी अवैध आलीशान कोठी को ध्वस्त किये जाने में हुए खर्च की वसूली करेगी। बलरामपुर में छांगुर की आलीशान कोठी के बाहर सोमवार को एक वसूली का नोटिस चस्पा किया गया है।
Changur Baba Case Update
Changur Baba Case Update: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद से अवैध मतांतरण मामले में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुसीबतें लगातार बढ़ रही है। बलरामपुर में बनाये गये उसके काले साम्राज्य के किले को ध्वस्त कर दिया गया है। अब सरकार उसकी अवैध आलीशान कोठी को ध्वस्त किये जाने में हुए खर्च की वसूली करेगी। बलरामपुर में छांगुर की आलीशान कोठी के बाहर सोमवार को एक वसूली का नोटिस चस्पा किया गया है। छांगुर बाबा की कोठी के बाहर 8.55 लाख रुपए की वसूली का नोटिस चस्पा किया गया है। अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में हुए खर्च की वसूली सरकार छांगुर बाबा से ही करेगी।
महल से कम नहीं थी छांगुर बाबा की कोठी
बलरामपुर जिला प्रशासन ने छांगुर की जिस कोठी को जमींदोज कर दिया। वह किसी महल से कम नहीं थी। कोठी के बाहर चारों तरफ कटीले तार बिछे हुए थे। जिसमें कथित तौर पर हर वक्त करंट दौड़ता रहता था। ताकि कोई भी कोठी में घुस न सके। यहीं नहीं पूरी कोठी में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे और प्राइवेट पावर प्लांट भी लगाया गया था।
इसके साथ ही आलीशान कोठी में दर्जनों सोलर पैनर भी लगे हुए थे। कोठी में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम छांगुर बाबा के बेडरूम में था। अब बलरामपुर जिला प्रशासन ने इस आलीशान कोठी को मिट्टी में मिला दिया है। इसके बाद छांगुर की कोठी के बाहर 08.55 लाख रुपए की वसूली का नोटिस चस्पा किया गया है। जिसमें जेसीबी का खर्च, सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के तीन दिन का वेतन सहित अन्य खर्च शामिल किये गये हैं।
अंगूठी बेचने वाला कैसे बन गया करोड़ों का मालिक
एक दरगाह के बाहर साइकिल पर अंगूठी और उसके नग बेचने वाला जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा देखते ही देखते करोड़ों का मालिक बन गया। जब वह पहली बार मुंबई से यूपी पहुंचा तो सेकंड हैंड क्वालिस गाड़ी लेकर आया था। यहां उसने मतांतरण कराने का गोरख धंधा शुरू किया। जिसके लिए वह मुस्लिम लड़कों को पैसे देता था ताकि वह हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण करा सकें।
यहीं नहीं छांगुर बाबा के मंसूबे बेहद खौफनाक थे। वह भारत को मुस्लिम देश बनाने का सपना संजो रहा था। जिसके लिए वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी कनेक्शन बनाना चाह रहा था। लेकिन समय रहते वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अतीक अहमद की तरह ही उसने भी कई अवैध जमीनें खरीदी। उसके इस सिंडिकेट को उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन संभालती थी। वह फंडिंग का पूरा लेखा-जोखा रखती थी। पुलिस जांच में छांगुर और उसके सहयोगियों के बैंक अकाउंट में सौ करोड़ से भी ज्यादा का विदेशी लेनदेन का ब्योरा मिला है।
छांगुर ने खुद को बनाया रहनुमा
लोकसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के दौरान छांगुर उसके बेहद करीबी बन गया। अतीक से नजदीकी बनाने के बाद छांगुर खुद की छवि मुस्लिमों के बीच सूफी संत और रहनुमा के रूप में बनाने लगा। छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए नेपाल से सटे हुए उत्तर प्रदेश के जनपदों में सरकारी जमीनों पर मदरसे बनाकर जनसंख्या संतुलन को भी बिगाड़ने की कोशिश की। एटीएस अभी भी मदरसों के फंड की जांच कर रही है।
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