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Pratapgarh News: जिले को मिली 2300 मैट्रिक टन यूरिया: जिला कृषि अधिकारी ने तीन उर्वरक प्रतिष्ठानों को भेजा कारण बताओ नोटिस, दो के लाइसेंस निलंबित
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण लगाने हेतु जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार द्वारा लगातार क्षेत्रीय निरीक्षण किया जा रहा है।
Fertilizer Inspection Pratapgarh
Pratapgarh News: जनपद प्रतापगढ़ में किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण लगाने हेतु जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार द्वारा लगातार क्षेत्रीय निरीक्षण किया जा रहा है। इसी क्रम में रानीगंज कैथोला एवं भटनी बाजार स्थित उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान, आदर्श बीज भंडार (स्वामी: दिनेश त्रिपाठी) तथा संतोष केसरवानी उर्वरक प्रतिष्ठान, रानीगंज कैथोला द्वारा किसानों के मोबाइल नंबर दर्ज किए बिना एवं खतौनी के अनुसार उर्वरक वितरण न करने की पुष्टि हुई, जिस पर दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इसके अतिरिक्त, भटनी बाजार स्थित पुत्ती लाल और केदार मौर्या (मौर्या बीज भंडार) के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। पुत्ती लाल द्वारा भी खतौनी के अनुसार वितरण नहीं किया जा रहा था, जिसके लिए उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।वहीं, बिहार बाजार में हरिश्चंद्र केसरवानी, प्रमोद कुमार खाद एवं बीज भंडार, राजेश कुमार उर्वरक प्रतिष्ठान, बेटर लाइफ फार्मा एवं सुनील ट्रेडर्स के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इसमें प्रमोद कुमार खाद एवं बीज भंडार तथा राजेश कुमार के प्रतिष्ठानों द्वारा अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। हालांकि, बेटर लाइफ फार्मा, सुनील ट्रेडर्स एवं हरिश्चंद्र केसरवानी के प्रतिष्ठानों पर कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
कृषकों के लिए उर्वरक की उपलब्धता की स्थिति:
जिला कृषि अधिकारी ने जानकारी दी कि जनपद में वर्तमान में किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। रैक प्वाइंट से कुल 1700 मैट्रिक टन यूरिया सहकारिता गोदामों पर एवं 600 मैट्रिक टन यूरिया निजी रिटेलर प्वाइंट्स पर भेजी गई है।उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे केवल आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक क्रय करें तथा अधिक मात्रा में भंडारण से बचें। सभी विक्रेता निर्धारित दर पर ही उर्वरक विक्रय करेंगे, इसलिए किसान पक्की रसीद अवश्य प्राप्त करें।जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा उर्वरकों की आपूर्ति एवं वितरण की नियमित निगरानी की जा रही है, जिससे समय से किसानों को खाद उपलब्ध हो सके।
धान की फसल के लिए पोषण प्रबंधन सुझाव:
निरीक्षण के दौरान किसानों को बताया गया कि धान की फसल में पोषण प्रबंधन के अंतर्गत अमोनियम सल्फेट का प्रयोग विशेष रूप से लाभकारी है। इसमें 21% नाइट्रोजन एवं लगभग 24% गंधक (सल्फर) पाया जाता है, जो धान की उपज एवं गुणवत्ता सुधार में सहायक होता है।
उर्वरक स्टॉक की स्थिति (12 अगस्त तक):
यूरिया: 7717 मैट्रिक टन
डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट): 4276 मैट्रिक टन
एनपीके (नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटाश): 2970 मैट्रिक टन
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