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डूबे नहीं, मारकर फेंके गए हैं बच्चे! प्रयागराज में 4 बच्चों की रहस्यमयी मौत, जांच में जुटी पुलिस
Prayagraj four children death: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में जो हुआ, वह किसी भयानक सपने से कम नहीं था। बेदौली गांव की वो शाम हमेशा के लिए खौफनाक याद बन गई जब चार मासूम बच्चे अचानक गायब हो गए। अगले दिन उनकी लाशें तालाब में तैरती मिलीं, और पूरे गांव की रूह कांप उठी।
Prayagraj four children death: हँसते - खेलते बच्चे, और अचानक हुआ कुछ ऐसा कि पूरा गांव चीख उठा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में जो हुआ, वह किसी भयानक सपने से कम नहीं था। बेदौली गांव की वो शाम हमेशा के लिए खौफनाक याद बन गई जब चार मासूम बच्चे अचानक गायब हो गए। अगले दिन उनकी लाशें तालाब में तैरती मिलीं, और पूरे गांव की रूह कांप उठी। परिजनों की चीखें, गांव में पसरा मातम और अब उठते सवाल क्या यह सिर्फ एक हादसा था या फिर किसी ने रची है शातिर साजिश?
तालाब से निकलीं चार लाशें, गांव में मातम
मेजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेदौली गांव में मंगलवार की शाम कुछ अजीब घटा। गांव के चार मासूम जिनकी उम्र अभी खेल-कूद और स्कूल जाने की थी अचानक गायब हो गए। परिवार वालों ने उन्हें ढूंढने की हर कोशिश की, लेकिन रातभर तलाश के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह जैसे ही सूरज निकला, एक दर्दनाक खबर गांव की हवा में फैल गई गांव के पास बने तालाब में चार बच्चों की लाशें तैर रही थीं। इस खबर ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। लोग दौड़ते हुए तालाब की ओर पहुंचे, जहां पुलिस ने बच्चों के शवों को बाहर निकलवाया। हर किसी की आंखें नम थीं, और सवाल एक ही क्या सच में ये मासूम डूबकर मरे या उन्हें मारकर तालाब में फेंक दिया गया?
परिजन बोले ये सिर्फ हादसा नहीं, हत्या है
जैसे-जैसे गांव में यह खबर फैली, मातम शोक में बदल गया और शोक आक्रोश में। मृत बच्चों के परिजनों ने साफ-साफ आरोप लगाए कि यह केवल हादसा नहीं, हत्या है। उनका कहना है कि बच्चों के शरीर पर जो निशान हैं, वह इस ओर इशारा करते हैं कि उन्हें मारकर फेंका गया है। गांव वालों का भी शक गहराता जा रहा है। किसी का कहना है कि बच्चों ने कभी तालाब में तैरना नहीं सीखा था, फिर वो वहां क्यों गए? तो कोई पूछ रहा है कि अगर बच्चे खुद से तालाब में उतरे थे, तो एक साथ चारों की मौत कैसे हो गई? इतने सवाल हैं और जवाब फिलहाल सिर्फ सन्नाटा है।
हादसा या साजिश?
पुलिस भी इस मामले में सतर्क नजर आ रही है। उन्होंने किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी संभावित पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा है कि वे हादसा और हत्या दोनों एंगल से जांच कर रहे हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पूरी उम्मीद है कि रिपोर्ट से यह साफ होगा कि बच्चों की मौत डूबने से हुई या उन्हें पहले ही मार दिया गया था। इसके साथ ही पुलिस गांव में लगे सीसीटीवी, कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन के जरिए भी सुराग तलाश रही है।
मासूमों की मौत ने झकझोरा हर दिल
चार बच्चों की मौत ने सिर्फ एक गांव को नहीं, पूरे जिले को सदमे में डाल दिया है। स्कूलों में सन्नाटा है, गलियों में सन्नाटा है, और लोगों के दिलों में डर है। जिन घरों में कभी बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां अब सिर्फ मातम पसरा है। यह घटना एक बड़ा सवाल छोड़ गई है क्या हमारे गांवों में बच्चे अब सुरक्षित नहीं रहे? क्या तालाब, जो कभी गांव की शान हुआ करते थे, अब डर का प्रतीक बन गए हैं?
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